क्या लद्दाख भाजपा कार्यालय पर हमले से पहले कांग्रेस पार्षद ने दी थी चेतावनी?

सारांश
Key Takeaways
- लद्दाख में हिंसक प्रदर्शन के पीछे राजनीतिक तनाव है।
- कांग्रेस पार्षद ने प्रशासन को खुली चुनौती दी थी।
- भाजपा कार्यालय पर आगजनी की घटना हुई।
- अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता पर गंभीर आरोप लगाए।
- राजनीतिक हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
लेह, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लद्दाख में बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शन और भाजपा कार्यालय में आगजनी की घटना के संदर्भ में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि इस हमले से एक दिन पहले, कांग्रेस के ससपोल क्षेत्र से पार्षद स्मानला दोरजे नोर्बू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशासन को खुली धमकी दी थी।
मालवीय के अनुसार, कांग्रेस नेता नोर्बू ने न केवल प्रशासन को चुनौती दी, बल्कि भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया और भाजपा लद्दाख कार्यालय पर हमले की सीधी चेतावनी दी।
मालवीय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के माध्यम से एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सासपोल से कांग्रेस पार्षद, स्मानला दोरजे नोरबू ने प्रशासन को खुली चुनौती दी, उन्हें और सीआरपीएफ जवान तैनात करने की चुनौती दी और जोर देकर कहा कि सुरक्षाबलों की बड़ी तैनाती भी प्रदर्शनकारियों को भाजपा लद्दाख कार्यालय तक पहुंचने और लोगों को बाहर निकालने से नहीं रोक पाएगी। उन्होंने आगे कहा कि वह खुद भाजपा लद्दाख कार्यालय पर पत्थरबाज़ी करने आएंगे, और उन्होंने लद्दाख भर के लोगों से २४ सितंबर को लेह आकर हमला करने का आग्रह किया। २४ सितंबर को, एक भीड़ ने भाजपा लद्दाख कार्यालय में आग लगा दी।
बता दें कि इससे पहले अमित मालवीय ने एक अन्य 'एक्स' पोस्ट के जरिए सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया कि लद्दाख में हुई हिंसा में कांग्रेस पार्टी का एक स्थानीय नेता सक्रिय रूप से शामिल था।
मालवीय ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, "लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति फुंतसोग स्टैनजिन त्सेपग है, जो कांग्रेस पार्टी के ऊपरी लेह वार्ड से पार्षद हैं।"
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वीडियो में यह कांग्रेस नेता साफ तौर पर भीड़ को उकसाते हुए और हिंसा में भाग लेते हुए नजर आ रहा है, जिसने भाजपा कार्यालय और हिल काउंसिल को निशाना बनाया।
मालवीय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में सवाल पूछते हुए लिखा, "क्या यही वह अशांति है जिसकी कल्पना राहुल गांधी कर रहे हैं?"