क्या लखीमपुर खीरी ने जल संरक्षण में नया इतिहास रचा?

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क्या लखीमपुर खीरी ने जल संरक्षण में नया इतिहास रचा?

सारांश

लखीमपुर खीरी ने जल संरक्षण के क्षेत्र में एक अनूठी उपलब्धि हासिल की है। 'हर गांव तालाब' अभियान के तहत 1,030 तालाबों का निर्माण कर इस जिले ने एक महीने में नया इतिहास रचा। जानें कैसे यह अभियान ग्रामीण विकास और जल सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है।

Key Takeaways

  • 1,030 तालाबों का निर्माण जल संरक्षण में एक नई दिशा है।
  • यह अभियान ग्रामीण विकास का एक आदर्श उदाहरण है।
  • जल संकट से निपटने के लिए योगी सरकार का ठोस प्रयास।

लखनऊ/लखीमपुर खीरी, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हुई है। लखीमपुर खीरी जिले ने ‘हर गांव तालाब’ अभियान के तहत केवल एक महीने (15 मई से 15 जून) में 1,030 सामुदायिक तालाबों का निर्माण कर जल संरक्षण के क्षेत्र में नया इतिहास रचा है।

इस अद्वितीय उपलब्धि को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है, जो योगी सरकार की ठोस इच्छाशक्ति और जनभागीदारी के मॉडल को दर्शाता है।

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के मार्गदर्शन और सीडीओ अभिषेक कुमार के नेतृत्व में यह अभियान न केवल जल संरक्षण का प्रतीक बना, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तीकरण को भी नई दिशा दी है।

बुधवार को विकास भवन के विवेकानंद सभागार में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के निर्णायक प्रमिल द्विवेदी ने इस उपलब्धि को मान्यता दी। उन्होंने डीएम और सीडीओ को प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान कर जिले को जल सशक्तीकरण का चमकता सितारा बताया।

इस अभियान ने 700 एकड़ से अधिक भूमि को जल संरक्षण योग्य बनाया और हर ब्लॉक में 70-80 तालाबों का निर्माण सुनिश्चित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निर्णायक प्रमिल द्विवेदी ने इसे सामूहिक प्रयास, प्रशासनिक समर्पण और जनभागीदारी का आदर्श उदाहरण बताया। इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के जरिए लखीमपुर खीरी ने यह सिद्ध कर दिया है कि ठोस इच्छाशक्ति और समर्पित प्रयासों से ग्रामीण विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। ‘हर गांव तालाब’ अभियान अब केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जल सुरक्षा की दिशा में एक जनांदोलन बन चुका है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमेशा जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है। उनके नेतृत्व में शुरू किए गए इस अभियान ने न केवल जल संकट से निपटने का रास्ता दिखाया, बल्कि ग्रामीण समुदाय को सशक्त करने का भी आधार तैयार किया।

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि जिला प्रशासन के लिए यह केवल एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि जल संरक्षण की दिशा में एक जनभागीदारी से उपजी ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमने एक महीने में 1,000 से अधिक तालाबों की खुदाई का लक्ष्य पूरा किया और वह भी इस संकल्प के साथ कि पहली बारिश से पहले हर तालाब तैयार हो जाए।

इस अभियान की कमान सीडीओ अभिषेक कुमार ने पूरी निष्ठा और नेतृत्व के साथ संभाली, और हमारी समर्पित टीम ने इसे मिशन मोड में बदल दिया। प्रत्येक ब्लॉक में लगभग 70 से 80 तालाब खोदे गए और करीब 700 एकड़ भूमि को जल संरक्षण योग्य क्षेत्र में तब्दील कर दिया गया। यह किसी क्रांति से कम नहीं।

उन्होंने कहा कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने हमारे प्रयास को मान्यता दी, और एक समारोह में हमें यह रिकॉर्ड प्रमाणपत्र और मेडल प्रदान किया। आज उनकी टीम ने न सिर्फ निरीक्षण किया, बल्कि हमें 'एक महीने में सर्वाधिक तालाब निर्माण' के राष्ट्रीय रिकॉर्ड से सुशोभित किया।

इस कार्यक्रम में डीसी मनरेगा सुशांत सिंह, डीपीआरओ विशाल सिंह, सभी खंड विकास अधिकारी और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम मौजूद रही।

Point of View

जो आगे के विकास के लिए एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

लखीमपुर खीरी में तालाब बनाने का अभियान कब शुरू हुआ?
यह अभियान 15 मई से 15 जून के बीच चला, जिसमें 1,030 तालाबों का निर्माण किया गया।
क्या यह अभियान केवल जल संरक्षण के लिए है?
नहीं, यह अभियान ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तीकरण को भी प्रोत्साहित करता है।
इस अभियान की मान्यता किसने दी?
इस अभियान को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी है।
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