क्या लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में दर्शन मात्र से दुश्मनों का भय समाप्त होता है?

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क्या लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में दर्शन मात्र से दुश्मनों का भय समाप्त होता है?

सारांश

धर्मपुरी का लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर, जो अपने अद्भुत इतिहास और पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है, यहां दर्शन मात्र से भक्तों का भय समाप्त होता है। जानिए इस मंदिर की अनोखी विशेषताएं और यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं।

Key Takeaways

  • लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर की धार्मिक महत्ता।
  • भक्तों के लिए मनोकामनाएं पूरी करने का स्थान।
  • गोदावरी नदी के तट पर स्थित होने का महत्व।
  • धर्मपुरी की ऐतिहासिकता और वैदिक संस्कृति।
  • आलय जतरा का आयोजन और भक्तों की संख्या।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में प्राचीन मंदिरों के साथ ही कई धर्मनगरी भी हैं, जिन्हें मोक्ष का धाम कहा जाता है। उत्तर भारत में काशी और दक्षिण भारत में धर्मपुरी स्थित है।

धर्मपुरी अपने वैदिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह पूरा शहर वैदिक ब्राह्मणों का गढ़ था। स्कंद पुराण और ब्रह्मांड पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में 'धर्मपुरी' का उल्लेख किया गया है। इसी कारण यहां के हर मंदिर की आस्था और शक्ति अद्भुत है।

भारत के तेलंगाना राज्य में धर्मपुरी शहर के करीमनगर जिले में स्थित भगवान लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान नरसिंह स्वामी की दो भिन्न मूर्तियां हैं। इनमें से पुरानी मूर्ति को 'पाटा नरसिंह स्वामी' कहा जाता है, जिसका अर्थ है पुराना नरसिंह स्वामी, और बाद में स्थापित मंदिर को 'कोठा नरसिंह स्वामी' कहा जाता है, जिसका अर्थ है नया।

मंदिर की विशेषता इसकी अद्वितीय संरचना है। यहां भगवान नरसिंह स्वामी शांत मुद्रा में हैं, और उनके पास मां लक्ष्मी भी विद्यमान हैं।

कहा जाता है कि इसी स्थान पर भगवान विष्णु ने नरसिंह का रूप धारण कर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी। कई ऋषियों ने यहां तपस्या कर भगवान नरसिंह स्वामी की अनुभूति की थी। मंदिर के बाहर एक पवित्र कुंड है, जिसमें हर मौसम में पानी भरा रहता है।

गोदावरी नदी के तट पर स्थित होने के कारण इस मंदिर को मोक्ष का द्वार कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त गोदावरी नदी में स्नान करके भगवान नरसिंह स्वामी के दर्शन करते हैं, उनके सभी पाप मिट जाते हैं। यहां भगवान नरसिंह स्वामी की एक झलक से ही भय दूर होता है और मन में अद्भुत शांति का अनुभव होता है। भक्त दूर-दूर से अपनी मनोकामनाओं के साथ इस मंदिर में आते हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां विशेष अनुष्ठान भी करवाते हैं।

हर वर्ष मार्च और अप्रैल के महीने में, भगवान के भक्त प्रसिद्ध धर्मपुरी लक्ष्मी नरसिंह स्वामी आलय जतरा मनाने के लिए लाखों की संख्या में इकट्ठा होते हैं। दिसंबर में मोक्षदा एकादशी पर बड़ा आयोजन होता है।

Point of View

बल्कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर भी है, जो भक्तों को आस्था और शक्ति का अनुभव कराता है। इस मंदिर में आस्था रखने वाले भक्तों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है, जो इसकी महत्ता को दर्शाता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर कहां स्थित है?
यह मंदिर तेलंगाना राज्य के धर्मपुरी शहर में स्थित है।
इस मंदिर में किसकी पूजा होती है?
इस मंदिर में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
क्या यहां आने से पाप मिटते हैं?
हां, माना जाता है कि गोदावरी नदी में स्नान करने से और मंदिर के दर्शन करने से पाप मिट जाते हैं।
इस मंदिर का प्रमुख त्योहार कौन सा है?
मार्च और अप्रैल में आयोजित आलय जतरा यहां का प्रमुख त्योहार है।
मंदिर में कौन सी विशेषताएं हैं?
मंदिर की संरचना और भगवान नरसिंह स्वामी की शांत मुद्रा इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं।
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