क्या लालू यादव ने बिहार को अपराध का अड्डा बनाया था, और पीएम मोदी-सीएम नीतीश विकास का पर्याय हैं?
सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने लालू यादव के शासन को जंगलराज कहा।
- बिहार में विकास के लिए मतदान की अपील की गई।
- केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र किया गया।
- श्रीकृष्ण बाबू के योगदान की सराहना की गई।
- छठी मईया के अपमान का बदला लेने की बात की गई।
लखीसराय, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को बिहार में चुनावी प्रचार के दौरान एक बार फिर लालू यादव के शासन को जंगलराज करार दिया। लखीसराय में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि जिस बिहार को लालू यादव ने अपराध का अड्डा बना दिया था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसे विकास के पथ पर आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले पूरा बिहार जंगलराज की चपेट में था, जहां अपहरण और हत्या आम बात थी। इस चुनाव में हर एक वोट नक्सलवाद, आतंकवाद और जंगलराज को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह चुनाव एक विकसित बिहार का निर्माण करने के लिए है। उन्होंने कहा, "छह नवंबर को मतदान है। आप सभी को कमल और तीर के निशान पर बटन दबाना है। वोट देने का सोच यह होना चाहिए कि आप सीएम नीतीश और पीएम मोदी के नेतृत्व में बिहार को विकसित करने के लिए वोट दे रहे हैं, न कि किसी विधायक या मंत्री को बनाने के लिए।"
लखीसराय में श्रीकृष्ण बाबू का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने बिहार के विकास की नींव रखी थी और उनके समय में बिहार प्रमुख राज्यों में से एक बन गया था, जिसे बाद में लालू-राबड़ी ने बर्बाद कर दिया।
उन्होंने लखीसराय के सिंदूर और गुलाल का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सिर्फ रंग नहीं, बल्कि हमारी माताओं और बहनों के सौभाग्य का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो ऑपरेशन सिंदूर चलाया, उसने माताओं और बहनों का सम्मान बढ़ाया है।
उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने छठी मईया का अपमान किया है, और बिहार की जनता इसका बदला जरूर लेगी। इस दौरान उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का भी जिक्र किया।