क्या लेबनान के राष्ट्रपति ने इजरायल के साथ कूटनीति का आह्वान किया?
                                सारांश
Key Takeaways
- लेबनान के राष्ट्रपति ने इजरायल के साथ संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया है।
 - युद्ध से पहले कूटनीति को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।
 - नेताओं को राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है।
 
बेरूत, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति जोसेफ आउन ने स्पष्ट किया है कि लेबनान के पास इजरायल के साथ संवाद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध से पहले कूटनीति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राष्ट्रपति कार्यालय ने इन बयानों की पुष्टि की है।
आउन ने सोमवार को बाबदा पैलेस में अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान कहा, "राजनीति में तीन मुख्य तत्व होते हैं- डिप्लोमेसी, इकॉनमी और युद्ध। जब युद्ध से कुछ नहीं मिलता, तो हमारे पास और क्या विकल्प है? दुनिया का हर युद्ध अंततः बातचीत से समाप्त होता है और यह बातचीत कभी भी दोस्त या सहयोगी से नहीं, बल्कि दुश्मन से होती है।"
आउन ने यह भी कहा कि "बातचीत की भाषा युद्ध की भाषा से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि युद्ध केवल नाश लाता है।" उन्होंने लेबनान की नेतृत्व की कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की, जिसमें पार्लियामेंट के स्पीकर नबीह बेरी और प्रधानमंत्री नवाफ सलाम शामिल हैं।"
उन्होंने कहा कि लेबनान के राष्ट्रीय हित को राजनीतिक, धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दों से अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने नेताओं से चुनावी महत्वाकांक्षाओं से ऊपर राष्ट्रीय एकता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है और उन सांप्रदायिक विभाजनों को पार करने का भी।
अक्टूबर के अंत में, आउन ने लेबनानी सेना को ब्लिडा के सीमावर्ती गांव पर हुए घातक हमले के बाद दक्षिण में किसी भी इजरायली घुसपैठ का जवाब देने का आदेश दिया, जिसका हिज्बुल्लाह नेता नईम कासिम ने स्वागत किया था।
पिछले साल नवंबर के अंत से इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच अमेरिका और फ्रांस के मध्यस्थता से सीजफायर लागू है, जिसने गाजा में युद्ध के कारण महीनों से चल रही सीमा पार दुश्मनी को रोका है।
युद्धविराम के बावजूद, इजरायल ने लेबनान में हमले जारी रखे हैं। हालांकि ये हमले लगातार नहीं हो रहे हैं, इजरायल का कहना है कि वह हिज्बुल्लाह के 'खतरों' को निशाना बना रहा है। लेबनान और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इन हमलों की निंदा की है और इन्हें सीजफायर का उल्लंघन बताया है।