क्या सीआईएसएफ आतंकी हमले के दौरान हालात से निपटने के लिए तैयार है? लेह हवाई अड्डे पर मॉक ड्रिल का आयोजन
सारांश
Key Takeaways
- सीआईएसएफ ने मॉक ड्रिल का आयोजन किया।
- मॉक ड्रिल का उद्देश्य आतंकवादी हमले की स्थिति में सुरक्षा तैयारियों का परीक्षण करना था।
- इसमें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने सहयोग दिया।
- सुरक्षाबल मानसिक रूप से तैयार रहते हैं।
- इस तरह के अभ्यास से सुरक्षा में सुधार होता है।
लेह, ६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लेह हवाई अड्डे पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने शनिवार को एक मॉक ड्रिल आयोजित की। इस मॉक ड्रिल का नाम ‘वार्षिक सीटीसीपी मॉक अभ्यास-२०२५’ रखा गया। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि यदि आतंकी हमला होता है, तो सुरक्षाबल स्थिति को काबू में करने के लिए क्या कदम उठाएंगे।
सीआईएसएफ ने पहले से ही एक सटीक योजना तैयार की थी, जिसके आधार पर यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
इस मॉक ड्रिल में एयरपोर्ट के अधिकारियों ने भी पूरा सहयोग दिया। इस दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि सभी कार्य निर्धारित योजना के अनुसार ही किए जाएं।
इस मॉक ड्रिल के दौरान यह देखने का प्रयास किया गया कि अगर किसी कारणवश आतंकवादी हमला होता है, तो सुरक्षाबल सबसे पहले क्या कदम उठाएंगे। अंततः सुरक्षाबल स्थिति को सामान्य करने के लिए क्या कदम उठाएगा। इसे एक अभ्यास के रूप में दोहराने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें सभी लोगों का १०० फीसदी योगदान रहा, चाहे वो सीआईएसएफ का सदस्य हो या एयरपोर्ट का अधिकारी।
इस मॉक ड्रिल के सफल आयोजन में मुख्य रूप से सीआईएसएफ, एएआई, राज्य पुलिस, बीडीडीएस, आईबी, सीआईडी और एयरलाइन कर्मचारियों ने सहयोग किया।
सहयोग देने वालों ने कहा कि इस तरह के आयोजन से हमें एक सुरक्षित माहौल मिलने की संभावना अधिक होती है और हमारे जवान हर प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहते हैं, जिससे हमारी सुरक्षा सुनिश्चित होती है।