क्या लिबर्टी शोरूम के प्रबंधक को चप्पल न बदलने पर वारंट का सामना करना पड़ेगा?

Click to start listening
क्या लिबर्टी शोरूम के प्रबंधक को चप्पल न बदलने पर वारंट का सामना करना पड़ेगा?

सारांश

क्या लिबर्टी शोरूम का प्रबंधक चप्पल न बदलने के कारण जेल जाएगा? जानिए इस चौंकाने वाली घटना के बारे में, जिसमें उपभोक्ता फोरम के आदेश की अनदेखी करने पर गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।

Key Takeaways

  • उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा महत्वपूर्ण है।
  • गैर-जमानती वारंट गंभीर कानूनी कार्रवाई है।
  • शोरूम प्रबंधन को उपभोक्ता फोरम के आदेश का पालन करना चाहिए।
  • आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है।
  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 महत्वपूर्ण है।

सीतापुर, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चप्पल बदलने से इनकार करना और उपभोक्ता फोरम के आदेश की अनदेखी करना लिबर्टी शूज शोरूम के प्रबंधक उस्मान के लिए महंगा साबित हुआ है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, सीतापुर ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी कर दिया है।

आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सीतापुर को निर्देश दिया है कि शोरूम प्रबंधक को 2 जनवरी 2026 तक आयोग के समक्ष पेश किया जाए।

यह मामला बट्सगंज निवासी आरिफ से संबंधित है। आरिफ ने 10 मई 2022 को नगर के ट्रांसपोर्ट चौराहे के पास स्थित लिबर्टी शोरूम से 1,700 रुपए की चप्पल खरीदी थी। शोरूम प्रबंधन ने चप्पल पर छह महीने की वारंटी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक महीने के भीतर ही चप्पल टूटने लगी। जब ग्राहक ने शिकायत की, तो पहले टालमटोल किया गया और बाद में चप्पल अपने पास रख लेने के बावजूद नई चप्पल नहीं दी गई।

आरिफ ने 17 अक्टूबर 2022 को जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया। फोरम द्वारा भेजे गए नोटिस के बावजूद शोरूम प्रबंधक न तो सुनवाई में उपस्थित हुए और न ही कोई जवाब दाखिल किया।

इसके बाद 8 जनवरी 2024 को उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाते हुए प्रबंधक को चप्पल की कीमत लौटाने के साथ मानसिक प्रताड़ना के लिए 2,500 रुपए और वाद व्यय के रूप में 5,000 रुपए अदा करने का आदेश दिया, लेकिन इस आदेश का भी पालन नहीं किया गया।

आयोग ने कहा कि निर्णय की तामील के लिए रजिस्टर्ड पत्र भेजे गए थे, लेकिन इसके बावजूद आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। इस प्रकार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 72 के तहत कार्रवाई करते हुए गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।

Point of View

बल्कि यह व्यापार ethics पर भी सवाल उठाता है। हमारे देश में उपभोक्ताओं को अधिकारों की रक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या उपभोक्ता फोरम का आदेश अनिवार्य है?
हाँ, उपभोक्ता फोरम का आदेश अनिवार्य होता है और इसका पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
गैर-जमानती वारंट क्या होता है?
गैर-जमानती वारंट एक ऐसा वारंट है जिसके तहत आरोपी को बिना जमानत के गिरफ्तार किया जा सकता है।
क्या उपभोक्ता को अपनी राशि वापस मिल सकती है?
हाँ, यदि फोरम का आदेश है तो उपभोक्ता को उसकी राशि वापस मिलनी चाहिए।
क्या ऐसे मामलों में पुलिस हस्तक्षेप कर सकती है?
जी हाँ, यदि आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो पुलिस हस्तक्षेप कर सकती है।
क्या आयोग के आदेश का पालन न करने पर सजा मिल सकती है?
हाँ, आयोग के आदेश का पालन न करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
Nation Press