क्या त्योहारी सीजन में लखनऊ में 802 किलो सिंथेटिक मावा जब्त किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- लखनऊ में 802 किलोग्राम सिंथेटिक मावा बरामद किया गया।
- खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की सक्रियता से कार्रवाई हुई।
- स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सामग्री का प्रयोग किया जा रहा था।
- दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- त्योहारों के दौरान शुद्ध खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
लखनऊ, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। त्योहारों के आगमन के साथ ही बाजारों में मिलावटी मावा और पनीर की बिक्री का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बीच, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने लखनऊ में एक कारखाने से 802 किलोग्राम सिंथेटिक मावा बरामद किया है। इस कार्रवाई के दौरान दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने मुखबिर की सूचना पर पारा के आदर्श नगर विहार कॉलोनी में दीपक कुमार के कारखाने पर छापा मारा। जांच में पता चला कि असली मावा के नाम पर सिंथेटिक और नकली मावा का उत्पादन किया जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
टीम ने मौके से 202 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर, 65 किलोग्राम मक्का स्टार्च, 505 किलोग्राम संदिग्ध सफेद पाउडर, 60 किलोग्राम माल्टोडेक्सट्रिन पाउडर और हाइड्रो पाउडर जब्त किया। इन सभी सामग्रियों का उपयोग सिंथेटिक मावा बनाने में किया जा रहा था।
अधिकारियों ने बताया कि इसमें मिल्क पाउडर, मेज स्टार्च, टैल्कम पाउडर, वनस्पति और रंग मिलाया जा रहा था। यह मावा कम लागत में तैयार किया जाता है और बाजार में महंगे दामों पर बेचा जाता है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने मावा सहित अन्य जब्त खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। इस मामले में कारखाने का संचालक दीपक कुमार उर्फ दीपू और गोलू को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ पारा थाने में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सहायक आयुक्त खाद्य-2 विजय प्रताप सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि सूचना मिली थी कि यहां नकली मावा का निर्माण किया जा रहा है। जब टीम मौके पर पहुंची तो कारखाने में बड़े पैमाने पर मावा के निर्माण की पुष्टि हुई। टीम ने सभी मावा को नष्ट कर दिया है।
उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ के अधिकारी लगातार कार्रवाई कर रहे हैं ताकि आम जनता को दीपावली और अन्य त्योहारों पर मिठाई और अन्य सामग्री के रूप में शुद्ध खाद्य पदार्थ प्राप्त हो सकें। इसके साथ ही दुकानदारों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे सामान की बिक्री न करें जिससे लोगों की सेहत खराब हो।