क्या अभिनेता माधवन ने भाषा विवाद पर अपनी राय साझा की?

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क्या अभिनेता माधवन ने भाषा विवाद पर अपनी राय साझा की?

सारांश

अभिनेता आर. माधवन ने हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी भाषा के कारण कोई समस्या नहीं हुई। जानें उनके विचार और इस मुद्दे पर अन्य हस्तियों की राय।

Key Takeaways

  • भाषा कभी भी माधवन के लिए बाधा नहीं बनी।
  • महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने का निर्णय लिया।
  • शिवसेना और मनसे के बीच विवाद बढ़ा।
  • उदित नारायण ने भाषाओं के सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • अजय देवगन ने विवाद पर मजेदार प्रतिक्रिया दी।

मुंबई, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध अभिनेता आर. माधवन ने हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत में भाषा के कारण कभी भी कोई समस्या नहीं हुई।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए माधवन ने बताया कि उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों में समय बिताया है, लेकिन भाषा कभी भी उनके जीवन या करियर में बाधा नहीं बनी।

जब उनसे भारत में भाषा और क्षेत्रीय मतभेदों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी भाषा के कारण कोई कठिनाई नहीं हुई।

माधवन ने कहा, "नहीं, मुझे कभी भाषा के कारण कोई परेशानी नहीं हुई। मैं तमिल बोलता हूं, हिंदी भी बोलता हूं। मैंने कोल्हापुर में भी पढ़ाई की है और मराठी भी सीखी है। इसलिए मुझे कभी भाषा के कारण कोई दिक्कत नहीं हुई, चाहे मैं भाषा जानता हूं या नहीं।"

यह उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सरकार ने अपने सरकारी प्राथमिक स्कूलों में मराठी और अंग्रेजी के अलावा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने का आदेश दिया था। यह कदम देश की तीन-भाषा नीति के तहत उठाया गया था, जिसका उद्देश्य बच्चों को स्कूल में तीन भाषाएं सिखाना है। हालांकि, इस मुद्दे का राजनीतिकरण तब हुआ जब शिवसेना (यूबीटी) और मनसे ने इसे मराठी अस्मिता पर प्रहार बताया।

यह मामला तब और गरमाया जब सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए, जिनमें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कुछ कार्यकर्ता गैर-मराठी बोलने वालों को निशाना बनाते नजर आए।

हाल ही में, फिल्म 'सन ऑफ सरदार 2' के ट्रेलर लॉन्च पर जब अजय देवगन से हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने 'सिंघम' के अंदाज में कहा, 'आता माझी सटकली।'

माधवन और अजय के अलावा, गायक उदित नारायण ने भी इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें हर क्षेत्र की भाषा और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।

उदित नारायण ने कहा, "हम महाराष्ट्र में रहते हैं और यही मेरी कर्मभूमि है। इसलिए यहां की भाषा भी बहुत जरूरी है। साथ ही, हमारे देश की सभी भाषाओं को समान मान्यता मिलनी चाहिए।"

Point of View

बल्कि यह भारतीय समाज में विविधता और सहिष्णुता की चुनौतियों को भी उजागर करता है। हमें एक ऐसे समाज की आवश्यकता है जहाँ सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान किया जाए।

NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या माधवन ने भाषा विवाद पर कोई सकारात्मक राय दी?
हां, माधवन ने कहा कि उन्हें कभी भी भाषा के कारण कोई परेशानी नहीं हुई।
महासत्र सरकार ने किस नीति के तहत हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने का आदेश दिया?
यह कदम देश की तीन-भाषा नीति के तहत उठाया गया है।
इस विवाद पर अन्य हस्तियों की क्या राय है?
अजय देवगन और उदित नारायण ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है।