क्या मुख्यमंत्री यादव ने सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना की समीक्षा की?

Click to start listening
क्या मुख्यमंत्री यादव ने सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना की समीक्षा की?

सारांश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। यह योजना किसानों को अधिकतम लाभ पहुँचाने के लिए बनाई गई है।

Key Takeaways

  • भावांतर योजना किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने में मदद करती है।
  • किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
  • इस योजना में 9.36 लाख किसान पंजीकृत हैं।
  • प्रदेश में सोयाबीन की बिक्री 24 अक्टूबर से शुरू होगी।
  • किसानों के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है।

भोपाल, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को भावांतर योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि क्रियान्वयन प्रक्रिया के किसी भी चरण में किसानों को कोई असुविधा न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर भुगतान निर्धारित अवधि के भीतर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाए। साथ ही किसानों को भुगतान की पुष्टि हेतु एसएमएस सूचनाएं प्राप्त हों।

बैठक में बताया गया कि सोयाबीन बिक्री अवधि 24 अक्टूबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक चलेगी। सभी बैंक लेनदेन ई-उपार्जन और ई-मंडी पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक रूप से किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि सभी मंडियों और उप-मंडियों में पर्याप्त तकनीकी और मानव संसाधन की व्यवस्था की गई है। मंडी स्तर के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है और सीसीटीवी निगरानी स्थापित की गई है।

प्रत्येक मंडी में एक हेल्प डेस्क भी स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, "समीक्षा बैठकों में सभी जिला कलेक्टरों, आयुक्तों और कृषि सचिव को भावांतर योजना से संबंधित आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।"

उन्होंने दोहराया कि भावांतर योजना किसानों के हित में शुरू की गई है और इसे पूरे राज्य में व्यापक सराहना मिली है।

उन्होंने कहा कि पंजीकरण में तीन गुना से भी अधिक की वृद्धि हुई है और कुल 9.36 लाख किसान इस योजना के तहत नामांकित हैं। भावांतर योजना राज्य के सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए एक विशेष योजना है।

इस योजना के अनुसार, यदि किसानों की सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर बिकती है, तो राज्य सरकार उनके नुकसान की भरपाई करेगी।

इस योजना के तहत, राज्य सरकार औसत मंडी भाव की गणना करेगी और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे मूल्य अंतर की भरपाई करेगी। भारत के "सोयाबीन के कटोरे" के रूप में जाना जाने वाला मध्य प्रदेश, 66 लाख हेक्टेयर में देश के लगभग 60 प्रतिशत सोयाबीन उत्पादन का उत्पादन करता है।

Point of View

जो किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने का प्रयास करती है। इस योजना के माध्यम से किसानों को दी जाने वाली सहायता उनके आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगी।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

भावांतर योजना क्या है?
यह योजना किसानों को सोयाबीन की बिक्री पर होने वाली हानि की भरपाई करने के लिए बनाई गई है।
इस योजना के तहत पंजीकरण कैसे किया जा सकता है?
किसान संबंधित मंडी या ई-मंडी पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं।
सोयाबीन की बिक्री अवधि कब तक है?
सोयाबीन बिक्री अवधि 24 अक्टूबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक है।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
राज्य के सभी सोयाबीन उत्पादक किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
क्या यह योजना केवल मध्य प्रदेश के लिए है?
हां, यह योजना विशेष रूप से मध्य प्रदेश के सोयाबीन किसानों के लिए है।
Nation Press