क्या मध्य प्रदेश में हवाला पैसों के गबन में एसडीपीओ समेत 10 पुलिसकर्मी निलंबित हुए?

सारांश
Key Takeaways
- डीजीपी कैलाश मकवाना ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की।
- पूजा पांडे समेत 10 पुलिसकर्मी निलंबित हुए।
- हवाला के पैसे के गबन की गहन जांच चल रही है।
- पुलिस की छवि पर सवाल उठ रहे हैं।
- जनता का विश्वास कमजोर हो रहा है।
भोपाल, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में भेजे जा रहे हवाला के पैसों के गबन के मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। डीजीपी ने उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) पूजा पांडे को निलंबित करने का आदेश जारी किया। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।
यह कार्रवाई तब की गई जब एक दिन पहले सिवनी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनील कुमार मेहता ने इस मामले में शामिल नौ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था।
पुलिस के अनुसार, बुधवार रात एक चेकिंग अभियान के दौरान, बंडोल थाना प्रभारी और एसडीपीओ पूजा पांडे के कार्यालय के कर्मचारियों ने सिलादेही के जंगल में एक चार पहिया वाहन को रोका। हालांकि, उन्होंने नकदी जब्त करने की बजाय चालक के साथ मारपीट की, उसे भगा दिया और पैसे हड़पने का प्रयास किया।
कथित अपराध तब उजागर हुआ जब चालक और पैसे भेजने वाले व्यापारी ने पुलिस से संपर्क किया। जब इस मामले के गंभीर आरोप जबलपुर और भोपाल के उच्च अधिकारियों तक पहुंचे, तो जबलपुर के पुलिस महानिरीक्षक प्रमोद वर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए।
घटना की जांच जबलपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आयुष गुप्ता को सौंपी गई, जिन्होंने गुरुवार सुबह अपनी जांच शुरू की और अपनी रिपोर्ट पुलिस महानिरीक्षक वर्मा और पुलिस महानिदेशक मकवाना को सौंप दी। जांच के दौरान, यह पाया गया कि पुलिस दल ने हवाला के पैसों के बारे में अपने वरिष्ठों को भी सूचित नहीं किया था।
उनकी गलतियों का पर्दाफाश तब हुआ जब गुरुवार सुबह पैसा गंवाने वाले व्यापारी ने कोतवाली पुलिस स्टेशन पहुंचकर पूछताछ की।
आयुष गुप्ता की जांच के आधार पर, सिवनी के एसपी ने बंडोल थाना प्रभारी उपनिरीक्षक अर्पित भैरम, हेड कांस्टेबल माखन और रवींद्र उइके, कांस्टेबल जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, रितेश (ड्राइवर), नीरज राजपूत, केदार और सदाफल सहित अन्य पुलिसकर्मियों के निलंबन का आदेश जारी किया है।