क्या मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थान आईआईटी, आईआईएम की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे?: सीएम मोहन यादव

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क्या मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थान आईआईटी, आईआईएम की तर्ज पर विकसित किए जाएंगे?: सीएम मोहन यादव

सारांश

मध्य प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को आईआईटी, आईआईएम के स्तर पर विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इस पहल से छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा मिलेगी और नए विषयों का आरम्भ होगा।

Key Takeaways

  • मध्य प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
  • रोजगार परक नए विषयों का आरम्भ किया जाएगा।
  • कृषि और डेयरी टेक्नोलॉजी जैसे कोर्सेस की शुरुआत होगी।
  • विमानन क्षेत्र में पाठ्यक्रमों का आरम्भ किया जाएगा।
  • आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना पर विचार किया जाएगा।

भोपाल, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश सरकार ने रोजगारपरक उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को आईआईटी, आईआईएम और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों की तर्ज पर विकसित करने का सुझाव दिया है।

मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग और राज्य के सभी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में रोजगारपरक नवीन विषय आरंभ करने के संबंध में आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय कैंपस और अन्य उच्च शिक्षण संस्थान विश्वस्तरीय बनाए जाने चाहिए। ये सभी संस्थान आईआईटी, आईआईएम और अन्य राष्ट्रीय संस्थानों की तर्ज पर विकसित किए जाने चाहिए। केवल सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में रोजगारपरक और बहुउद्देश्यीय विषय एवं कोर्सेज प्रारंभ किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में अगले सत्र से कृषि संकाय और सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन में बीटेक में डेयरी टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। विद्यार्थियों को इन कोर्सेस के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक छात्र इस विषय की पढ़ाई के लिए आगे आ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विमानन क्षेत्र में बड़ा स्कोप है, इसलिए विश्वविद्यालयों में इसके पाठ्यक्रम आरंभ किए जाने चाहिए। महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का समग्र अध्ययन भी किया जाना चाहिए। इस विश्वविद्यालय को आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय बनाने पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पाणिनी विश्वविद्यालय को आयुर्वेद विश्वविद्यालय बनाने से इसका परिधि क्षेत्र बढ़ेगा और प्रदेश के करीब 50 से अधिक आयुर्वेदिक महाविद्यालय इसके दायरे में आ जाएंगे। यह एक बड़ा कदम होगा।

मुख्यमंत्री यादव ने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार की भर्तियों को समय-सीमा में लाया जाए और सभी प्रकार की भर्तियां एवं नियुक्ति प्रक्रिया जल्दी से जल्दी पूरी की जाएं। अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं। वर्तमान में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के 364 पद भरे हुए हैं और इन्हीं श्रेणी के 1585 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है।

Point of View

बल्कि यह पूरे देश के उच्च शिक्षा प्रणाली की दिशा को भी प्रभावित कर सकता है। अगर राज्य सरकार अपने उच्च शिक्षण संस्थानों को आईआईटी और आईआईएम के स्तर पर विकसित करने में सफल होती है, तो यह भारत की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किस विषय पर जोर दिया है?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर विकसित करने पर जोर दिया है।
कौन से नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे?
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में कृषि संकाय और सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
राज्य में आयुर्वेद विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना क्या है?
मुख्यमंत्री ने महर्षि पाणिनी विश्वविद्यालय को आयुर्वेद विश्वविद्यालय बनाने पर विचार करने की बात कही है।