क्या मध्य प्रदेश के किसानों के लिए जबलपुर में खाद की होम डिलीवरी एक नई उम्मीद लेकर आई है?
सारांश
Key Takeaways
- किसानों के लिए खाद की होम डिलीवरी की नई सुविधा शुरू।
- लंबी लाइनों में खड़े होने की समस्या का समाधान।
- किसान घर बैठे ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।
- डिलीवरी क्षेत्र लगभग पांच किलोमीटर।
- किसानों की प्रतिक्रिया सकारात्मक है।
जबलपुर, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के किसानों के लिए खाद की खरीद और डिलीवरी अब और भी सरल हो गई है। राज्य सरकार ने किसानों के घरों तक खाद पहुंचाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान लंबी लाइनों में खड़े न हों और समय पर उन्हें खाद मिल सके।
शुरुआत में जबलपुर, विदिशा और शाजापुर जिलों को इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था, जिसे धीरे-धीरे अब आठ जिलों तक विस्तारित किया गया है। जबलपुर में इसे फिलहाल एक परीक्षण के रूप में चलाया जा रहा है और इस सुविधा का लाभ धीरे-धीरे किसानों तक पहुंच रहा है। अब किसान अपने घर पर बैठकर ऑनलाइन खाद की बुकिंग कर सकते हैं।
पहले किसानों को ई-टोकन सिस्टम के तहत खुद डबल लॉक केंद्र या विक्रेता के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब घर तक डिलीवरी की नई सुविधा जोड़ी गई है। किसान अब आराम से अपने लिए यूरिया या अन्य खाद का आर्डर कर सकते हैं और उसे सीधे अपने घर पर मंगवा सकते हैं।
यह सुविधा फिलहाल तीन केंद्रों सिहोड़ा, मझोली और शाहपुरा के डबल लॉक केंद्र पर लागू की गई है। डिलीवरी लगभग पांच किलोमीटर के क्षेत्र में हो रही है।
एग्रीकल्चर ऑफिसर एस.के. निगम ने बताया कि इससे किसानों को समय पर और आसानी से खाद मिल सकेगी। अब उन्हें न तो लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ेगा और न ही ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों की प्रतिक्रिया इस नई सुविधा पर बहुत सकारात्मक रही है। अधिकतर किसान अब घर पर बैठकर खाद मंगाने की सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इससे उनके समय और मेहनत की बचत हो रही है और खेती में उन्हें आसानी हो रही है।
सरकार का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कई बार छोटे और मध्यमवर्गीय किसान खाद की कमी या समय पर सप्लाई न मिलने की वजह से परेशान रहते थे। अब ई-टोकन और घर डिलीवरी के माध्यम से ये समस्याएं काफी हद तक कम होंगी।