क्या मध्य प्रदेश में 'नर्सिंग' के घोटालेबाजों को बचा रही है सरकार? : उमंग सिंघार

सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में भ्रष्टाचार का मामला गंभीर है।
- उच्च न्यायालय द्वारा अवमानना का नोटिस जारी किया गया है।
- भाजपा पर आरोप है कि वह भ्रष्टाचारियों को बचा रही है।
- फर्जी कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है।
- सिस्टम में सुधार के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
भोपाल, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार नर्सिंग कॉलेज में हुई गड़बड़ियों के घोटालेबाजों को बचाने में जुटी है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी किया है।
उमंग सिंघार ने कहा कि भाजपा का ‘भ्रष्टाचार बचाओ अभियान’ चल रहा है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है क्योंकि उन्होंने जानबूझकर फर्जी कॉलेजों की फाइल पेश नहीं की। हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच की फाइलें सौंपने का आदेश दिया है। लेकिन सवाल यह है कि पिछली सुनवाई के दौरान सचिव का कोर्ट में न आना और अब चेयरमैन का न्यायालय के आदेश की अनदेखी करना, क्या यह केवल अधिकारियों की लापरवाही है या भ्रष्टाचारियों की मिलीभगत? आखिर न्यायालय की अवमानना किसके इशारे पर हो रही है?
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में फर्जी नर्सिंग कॉलेज खुले हैं, जहां बिना क्लास और बिना स्टाफ के अयोग्य लोगों को डिग्रियां बांटी गईं। इन भ्रष्टाचार के अड्डों को सरकारी संरक्षण भी मिला है। सिंघार ने कहा कि मैंने सड़क से लेकर सदन तक लगातार नर्सिंग घोटाले पर सरकार से सवाल किए हैं, लेकिन सरकार हर बार चुप रही है। भाजपा इन भ्रष्ट संस्थानों को इसलिए बचा रही है क्योंकि घोटाले की जड़ें उसके खुद के नेताओं और संरक्षित लोगों तक जाती हैं।