क्या मध्य प्रदेश में छात्रों के हंगामे के बाद मंत्री कृष्णा गौर वीआईटी यूनिवर्सिटी का जायजा लेंगी?
सारांश
Key Takeaways
- छात्रों के हंगामे ने शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता को उजागर किया।
- सरकार ने तुरंत कार्रवाई की और जांच के आदेश दिए।
- छात्रों की समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
भोपाल 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित वीआईटी यूनिवर्सिटी में छात्रों के हंगामे के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को विश्वविद्यालय के हालात का जायजा लेने का निर्देश दिया है।
दरअसल, मंगलवार की रात को कई छात्रों के पीलिया से ग्रसित होने की जानकारी सामने आने के बाद स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया, जिसमें तोड़फोड़ और आगजनी भी शामिल थी। इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग ने एक समिति का गठन किया है, जो तीन दिन में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
राज्य के मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की इस घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने गुरुवार को वीआईटी यूनिवर्सिटी प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए सीहोर जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर को परिसर का दौरा कर छात्र-छात्राओं और प्रबंधन से संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
सीएम मोहन यादव ने घटना को गंभीर मानते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को निर्देश दिया है कि वे निजी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों की उच्च स्तरीय समीक्षा करें और छात्र हितों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करें।
विमुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी विद्यार्थियों के भोजन और पानी से संबंधित समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का हित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है।
वीआईटी यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत छात्रों का आरोप है कि उनकी समस्याओं को विश्वविद्यालय प्रबंधन गंभीरता से नहीं लेता। उन्हें साफ और स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है और अन्य समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा, जिससे छात्रों में गुस्सा बढ़ गया। मंगलवार की रात को छात्रों ने हंगामा किया, तोड़फोड़ की और आगजनी भी की। इसके बाद भारी पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया। अब हालात सामान्य हैं, हालांकि कई छात्र अपने घर लौट गए हैं।