मदीना बस दुर्घटना: क्या 42 उमरा यात्रियों की मौत ने हमें स्तब्ध कर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- मदीना में 42 उमरा यात्रियों की दुखद मौत हुई।
- जमात-ए-इस्लामी हिंद ने शोक व्यक्त किया।
- सरकार से मृतकों के शवों को जल्द लाने की अपील।
- घायलों के लिए चिकित्सा सुविधाओं की मांग।
- इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मदीना के निकट हुए भयंकर बस दुर्घटना में 42 उमरा यात्रियों की दुखद मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। मृतकों में अधिकांश यात्री हैदराबाद से थे। इस घटना पर जमात-ए-इस्लामी हिंद (डीआईएच) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सादतुल्लाह हुसैनी ने गहरा दुख व्यक्त किया।
सैयद सादतुल्लाह हुसैनी ने मीडिया को दिए बयान में कहा, "हम इस घटना से अत्यंत व्यथित हैं। मेरी हार्दिक संवेदनाएं शोक-संतप्त परिवारों के साथ हैं। हम अल्लाह के हैं और उसी की ओर लौटकर जाना है। ये सभी मुबारक लोग एक पवित्र यात्रा पर थे और इबादत कर रहे थे। हजरत नबी ने कहा है कि हज और उमरा करने वाले अल्लाह के मेहमान होते हैं। हमें उम्मीद है कि जिनकी मृत्यु हुई, उन्हें अल्लाह शहादत का दर्जा और जन्नत में ऊँचा स्थान प्रदान करे।"
जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष ने भारत सरकार से मृतकों के पार्थिव शरीरों को शीघ्र भारत लाने की प्रक्रिया तेज करने की अपील की। उन्होंने दुर्घटना में घायल बचे यात्रियों के लिए व्यापक चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी मांग की।
सैयद सादतुल्लाह हुसैनी ने आगे कहा कि सरकार को इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि वे इस दुखद घटना से उबर सकें। अंत में उन्होंने दुआ करते हुए कहा कि अल्लाह तआला परिवारों को सब्रमगफिरत व जन्नतुल फिरदौस में स्थान प्रदान करे।
इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, "सऊदी अरब के मदीना में भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुर्घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास इस दुर्घटना से प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।"