क्या महागठबंधन का घोषणापत्र बिहार की जनता की ‘उम्मीद’ है? : मुकेश सहनी
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन का घोषणापत्र बिहार के विकास के लिए नई योजनाएं प्रस्तुत करता है।
- नीतीश कुमार की आलोचना की गई है कि वे विकास के लिए कोई विज़न नहीं रखते।
- राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने का वादा किया गया है।
- महागठबंधन की योजनाएं नीतीश कुमार द्वारा नकल की गई हैं।
- सत्ता में आने पर जनता के हितों की रक्षा करने का आश्वासन दिया गया है।
पटना, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने महागठबंधन द्वारा प्रस्तुत घोषणापत्र को बिहार की जनता की उम्मीद बताया। सहनी महागठबंधन द्वारा उप-मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जो कार्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले 20 सालों में नहीं कर पाए, हम सत्ता में आने के बाद उसे हर हाल में पूरा करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य का कोई भी व्यक्ति विकास से अछूता न रहे।
सहनी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास राज्य के विकास के लिए कोई विज़न नहीं है। अगर होता, तो आज बिहार की स्थिति ऐसी नहीं होती। हमारे लोग आज दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं, जबकि उनकी इच्छा है कि वे अपने परिवार के साथ अपने ही प्रदेश में रहें।
उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के पास बिहार के विकास के लिए कोई योजना नहीं है। यही कारण है कि वे हमारे मेनिफेस्टो की नकल कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि उनकी अधिकांश योजनाएं महागठबंधन से मिलती जुलती हैं। यह स्पष्ट है कि उनका बिहार के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। उनका एकमात्र उद्देश्य सत्ता में बने रहना है।
सहनी ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब हमने 'माय बहन मान योजना' के तहत सभी को 2,500 रुपये देने का ऐलान किया, तो नीतीश कुमार ने भी इस योजना की नकल करते हुए बिहार के लोगों को 10 हजार रुपये देने की घोषणा की। जब हमने विधवा पेंशन के तहत 1100 रुपये देने की बात की, तो उन्होंने 1500 रुपये देने का ऐलान कर दिया। जब हमने कहा कि हम 200 यूनिट बिजली मुफ्त देंगे, तो उन्होंने मुफ्त बिजली देने का ऐलान किया। जब वे पहले से यह सब कर सकते थे, तो उन्होंने हमारी घोषणाओं के बाद ऐसा क्यों किया? इससे स्पष्ट होता है कि उनके पास बिहार के विकास के लिए कोई योजना नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने यह घोषणा की है कि बिहार में सभी लोगों को नौकरी मिलेगी और हम इसे सुनिश्चित करेंगे। जिस प्रकार से हमने जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है, उसी प्रकार हम बिहार में नौकरी देने का कार्य करेंगे। लेकिन दुख की बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते कि बिहार के लोगों को नौकरी मिले। वे चाहते हैं कि लोग दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जाएं। हम इस स्थिति को किसी भी कीमत पर सहन नहीं कर सकते।
सहनी ने 'जननायक' पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि कोई भी जन्म से नहीं, बल्कि कर्म से जननायक होता है। हमें उस मार्ग पर चलना होगा। इस विषय पर किसी भी गलत सूचना का प्रचार करने से बचना चाहिए, ताकि हमारे लोग गुमराह न हों। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे नेता जननायक बन सकते हैं, इसके लिए उन्हें सही मार्ग पर चलना होगा।
उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि हम खुलकर विकास करें। लेकिन यह दुखद है कि हमारे नेता 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज देकर कह रहे हैं कि यही विकास है। ऐसा करके वे लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
साथ ही, उन्होंने कहा कि अगर कोई सत्ता में रहते हुए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर किसी को परेशान करेगा, तो हमें विश्वास है कि जब हम सत्ता में आएंगे, तो इस स्थिति को रोकने की पूरी कोशिश करेंगे। हम सुनिश्चित करेंगे कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के हितों के साथ समझौता न हो।
उन्होंने एसआईआर पर कहा कि हम इस पर क्या ही कहेंगे। अब अगर किसी ने मन बना लिया है कि वह वोट चोरी करेगा, तो वह कर ले। अब हम क्या कर सकते हैं।