क्या मासिक शिवरात्रि पर ये काम करने से भोलेनाथ की कृपा बरसेगी?
सारांश
Key Takeaways
- मासिक शिवरात्रि का दिन विशेष पूजा और आराधना के लिए महत्वपूर्ण है।
- इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का लाभ उठाना चाहिए।
- भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष विधियों का पालन करें।
- नए कार्यों की शुरुआत के लिए यह एक शुभ समय है।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। यह दिन भोलेनाथ की आराधना और शुभ कार्यों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार को सूर्य धनु राशि में और चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
पौराणिक ग्रंथों में शिवरात्रि का उल्लेख मिलता है। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी इस दिन का व्रत किया था। यदि आप इसका व्रत आरंभ करना चाहते हैं, तो महाशिवरात्रि से शुरू करके एक साल तक निरंतर कर सकते हैं।
मान्यता है कि जो व्यक्ति मासिक शिवरात्रि का व्रत करते हैं, उनके जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इसके साथ ही, कठिनाइयाँ भी कम होती हैं। शिवरात्रि का पूजन मध्य रात्रि में किया जाता है, जिसे निशिता काल कहा जाता है।
मासिक शिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए भक्त ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, फिर मंदिर या पूजा स्थल की सफाई करें। इसके बाद एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर बाबा भोलेनाथ की प्रतिमा स्थापित करें, और उनका अभिषेक करें। साथ ही, बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत, फल और फूल चढ़ाएं। भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप भी लाभकारी होता है। 11 बार रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करें। शिवलिंग के सामने बैठकर राम-राम जपने से भी भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है।
एक खास बात यह है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि यह योग तब बनता है, जब कोई विशेष नक्षत्र किसी महत्वपूर्ण दिन के साथ आता है। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है। आप चाहें तो इस दिन नए कार्य की शुरुआत भी कर सकते हैं।