क्या महागठबंधन के नेताओं की लड़ाई का फायदा एनडीए को मिला?
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की आपसी लड़ाई ने एनडीए को लाभ पहुंचाया।
- भाजपा ने माहौल बनाने में कुशलता दिखाई।
- एकजुटता न होने से विपक्ष कमजोर हुआ।
मुरादाबाद, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद समाजवादी पार्टी के नेता एसटी हसन ने कहा है कि अगर हम एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते रहेंगे, तो चुनाव जीतना संभव नहीं है। इसका फायदा दूसरे गठबंधन को मिल जाता है।
मुरादाबाद में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान सपा नेता एसटी हसन ने कहा कि महागठबंधन की बिहार में हार के कई कारण हैं। अगर गठबंधन के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, तो जाहिर है कि भाजपा को फायदा होगा। भाजपा सही माहौल बनाने में माहिर है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा तो घर-घर में भी फूट डाल देती है। एक समय हमारी पार्टी में भी फूट डाल दी थी। उन्होंने इस बात को दोहराया कि अगर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने के बजाय मजबूती के साथ लड़ते तो परिणाम कुछ और हो सकते थे।
दूसरी ओर एनडीए की जीत पर यूपी सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा, "बिहार की जनता ने पूरे देश और विपक्ष को बड़ा संदेश दिया है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी का नींद से जागने का समय आ गया है, लेकिन वे जागे नहीं हैं। जब-जब विपक्ष को जनता ने काम करने का मौका दिया है, तब-तब इसने जनादेश का अपमान किया है। जनता एनडीए को इसलिए जनादेश दे रही है, क्योंकि हमने पूरे देश में धरातल पर काम किया है। बिहार जंगलराज के लिए मशहूर था और एनडीए ने बिहार को जंगलराज से निकालकर युवाओं के सपने को पूरा किया।
बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आए दिन हिंसक घटनाएं हो रही हैं। पश्चिम बंगाल में सरकार के इशारे पर महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आजादी के बाद से हमेशा देश और समाज को गुमराह करने का काम किया है। कांग्रेस अपने मूल एजेंडे से भ्रमित हो चुकी है। अब किसी तरह वो सिर्फ सत्ता हथियाना चाहती है। जनादेश का अपमान करना कांग्रेस और विपक्ष की कमजोरी है। ये जनादेश जनता ने दिया है, फिर से राहुल गांधी गलतबयानी करके जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी वजह से इनकी स्थिति है, लेकिन कांग्रेस इसका आकलन नहीं कर रही है।