क्या वीआईपी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी? महागठबंधन में कोई विवाद नहीं: मुकेश सहनी

सारांश
Key Takeaways
- वीआईपी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
- महागठबंधन में किसी प्रकार का विवाद नहीं है।
- सीट बंटवारे का फॉर्मूला जल्द तय होगा।
- गरीब और वंचित समाज के अधिकारों की रक्षा करना मुख्य उद्देश्य है।
पटना, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं। विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं। इस बीच, पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के मंत्री मुकेश सहनी ने जानकारी दी कि उनकी पार्टी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
पटना में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया, "हमारी पार्टी पहले ही 60 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि वीआईपी पार्टी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और यदि महागठबंधन की सरकार बनती है तो वीआईपी का उपमुख्यमंत्री होगा। यह कोई नई बात नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन में समन्वय समिति का गठन हो चुका है और सभी दल मिलकर चर्चा कर रहे हैं। मुकेश सहनी ने बताया कि बहुत जल्द सीटों के वितरण का फॉर्मूला तय कर लिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन में सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है। कुछ सीटें कम-ज्यादा होने पर भी कोई समस्या नहीं है। हम लोग विचारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस चुनाव का हमारा मुख्य उद्देश्य महागठबंधन की सरकार बनाना है ताकि गरीब, वंचित और पिछड़ा समाज के लोगों को उनके अधिकार मिल सकें।
लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के बयानों पर उन्होंने कहा कि उनके बयान के पीछे दो कारण हो सकते हैं: या तो वह सीटों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं या फिर उनकी अंतरात्मा जाग गई है कि मतदाता पुनरीक्षण के दौरान गरीब और दलित के वोट काटे जा रहे हैं। यही अधिकार बाबासाहेब ने दिए थे। अब जब उनके वोट छीने जा रहे हैं, तो उन्हें तकलीफ होनी स्वाभाविक है। इसीलिए वह सरकार के खिलाफ बोलते हैं। लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य सीटों को लेकर दबाव बनाना ही हो सकता है।