क्या महागठबंधन में लोग लड़ेंगे तो बिहार का भला हो सकेगा?: मनोज तिवारी

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में आपसी संघर्ष बिहार के विकास में बाधा बन सकता है।
- पीएम मोदी की योजनाएं बिहार को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हैं।
- दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार सक्रिय है।
- मनोज तिवारी ने बिहार की तेजी से बढ़ती रफ्तार की बात की।
- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को जनता का समर्थन मिलेगा।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने महागठबंधन पर कड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन अब 'लठबंधन' में बदल चुका है। महागठबंधन के भीतर आपस में लाठियां चल रही हैं। ये लोग एक-दूसरे को हराने में लगे हुए हैं। बिहार की जनता ने इन्हें पहचान लिया है कि ये मतलबी हैं। जब ये आपस में इतना लड़ सकते हैं, तो बिहार का भला कैसे करेंगे?
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा सांसद ने कहा कि अपने एक गीत का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार अब विकसित बिहार की ओर बढ़ रहा है। बिहार की रफ्तार तेज हो गई है। मैंने एक छोटा सा गीत बनाया है, जिसके बोल इतने प्यारे हैं कि लोग इसे बेहद पसंद कर रहे हैं।
दीपावली पर पीएम मोदी के पत्र का जिक्र करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी के मन में सबसे गहरी भावना है कि देश का हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बने और अपने परिवार को बेहतर ढंग से संवार सके। इसके लिए वह अपनी सरकार के माध्यम से हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने देश को एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है।
स्वदेशी के जरिए वह भारत को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। अगर लोग उनका यह कदम थोड़ा भी अपनाएं, तो भारत 2047 से पहले ही विकसित हो जाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 में कहा था कि जब तक पूर्वांचल का विकास नहीं होगा, तब तक भारत का पूर्ण विकास संभव नहीं है। तिवारी ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में यूपीए सरकार ने बिहार को 2 लाख करोड़ रुपये दिए थे, जबकि मोदी सरकार ने 10 वर्षों में 14 लाख करोड़ रुपये दिए। इससे स्पष्ट है कि बिहार के प्रति पीएम मोदी का विशेष प्रेम है।
उन्होंने कहा कि 24 अक्टूबर से पीएम मोदी की बिहार में रैलियां शुरू होंगी और एनडीए को बिहार की जनता का पूरा प्यार मिलेगा।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आप को शर्म नहीं आती? 11-12 साल तक दिल्ली को नर्क बनाकर रखा और अब ये बातें शोभा नहीं देतीं।
पिछले 8-9 महीनों में दिल्ली की प्रतिकूल व्यवस्थाओं को हम अनुकूल कर रहे हैं। प्रदूषण कम करने में दो से तीन साल लगेंगे। इस बार ग्रीन पटाखों के उपयोग के बाद भी एक्यूआई पिछले वर्षों की तुलना में कम है। दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए काम कर रही है।