क्या संजय राउत ने आपदा पर सरकार को घेरकर सच कहा? 'एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को केंद्र से मदद मांगनी चाहिए'

सारांश
Key Takeaways
- बाढ़ ने महाराष्ट्र में व्यापक तबाही मचाई है।
- किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
- संजय राउत ने केंद्र सरकार से १०,००० करोड़ रुपये की मांग की।
- एनडीआरएफ राहत कार्य में जुटी हुई है।
- सरकार को जल्दी कदम उठाने की आवश्यकता है।
मुंबई, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है, जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस आपदा ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि किसानों की फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने केंद्र और राज्य सरकारों को कठोर शब्दों में घेरा है।
संजय राउत ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि बाढ़ और बारिश के कारण ७० लाख एकड़ भूमि पर खड़ी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। लगभग ४० लाख किसान बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसानों को सहायता देने के लिए आपके पास धन है? आपने राज्य को कर्ज में डुबो दिया है। हमने केंद्र से १०,००० करोड़ रुपए की सहायता की मांग की है। एकनाथ शिंदे को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास जाकर मदद मांगने की सलाह दी जाए। इसी तरह, अजीत पवार से कहा जाए कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाकर सहायता मांगें, क्योंकि वे आपके नेता हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार की स्थिति बाढ़ के कारण मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र में है, यदि यही स्थिति गुजरात में होती, तो प्रधानमंत्री मोदी वहां एयरफोर्स का विमान लेकर पहुंच जाते। गृह मंत्री अमित शाह गुजरात में होते और हवाई जहाज से गुजरात को १,००० करोड़ रुपए की मदद की घोषणा कर दी जाती। लेकिन पीएम मोदी या अमित शाह, दोनों ने अभी तक महाराष्ट्र के लिए किसी भी तरह की मदद की घोषणा नहीं की है।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। बीड, धाराशिव, सोलापुर और अहिल्यानगर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। स्थानीय प्रशासन के अनुरोध पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें तैनात की गई हैं।
एनडीआरएफ के जवान सोमवार रात से राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं, जिसके कारण अब तक सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा चुकी है। बीड के मजलगांव तहसील के सादस चिंचोले इलाके में हालात अत्यंत गंभीर हो गए थे। यहां एनडीआरएफ की टीम ने पूरी रात अभियान चलाया और सुबह तक एक नवजात शिशु और एक महिला को सुरक्षित बाहर निकाला गया। अब तक इस जिले में ३९ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।