क्या महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों पर हमले की वजह गंदी राजनीति है?

सारांश
Key Takeaways
- निरहुआ ने हिंदी भाषियों के प्रति हो रहे हमलों की निंदा की।
- उन्होंने इसे गंदी राजनीति करार दिया।
- आम लोगों से अपील की कि ऐसे हमलों का विरोध करें।
- उन्होंने मोदी जी से सख्त कार्रवाई की अपेक्षा जताई।
मुंबई, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भोजपुरी फिल्म उद्योग के अभिनेता और पूर्व सांसद दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने महाराष्ट्र में हिंदी बोलने वालों पर हो रहे हमलों के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। छपरा में एक फिल्म प्रमोशन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यह सब गंदी राजनीति का हिस्सा है, खासकर जब निकाय चुनाव नजदीक हैं।
निरहुआ ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, "ये दोनों तारा-सितारा बेरोजगार हैं। इनके पास न तो कोई सांसद है, न विधायक, और न ही राज्यसभा में कोई सीट। इनका राजनीतिक करियर खत्म हो चुका है।"
उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता चुनाव से पहले लोगों की भावनाओं को भड़काकर माहौल को बिगाड़ रहे हैं और हिंदी भाषियों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "अगर इस राजनीति को रोका नहीं गया, तो परिणाम खतरनाक होंगे। कांग्रेस सरकार के समय भी ऐसा हुआ था, लेकिन अब मोदी जी की सरकार है। अगर ऐसे हमले जारी रहे तो देश का भरोसा उठ जाएगा।"
निरहुआ ने आम जनता से अपील की कि इस तरह की राजनीति का विरोध करें। उन्होंने सवाल किया कि ये नेता गरीबों को ही क्यों निशाना बनाते हैं। "कोई रिक्शा चला रहा है, कोई ठेला, तो कोई अपनी रोजी-रोटी कमा रहा है, और आप इन्हें ही निशाना बना रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं खुद 2008 से महाराष्ट्र में रह रहा हूं और हिंदी बोलता हूं। अगर किसी को आपत्ति है, तो मुझे भगाकर दिखाओ।"
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब देश में गुंडागर्दी नहीं चलने दी जाएगी और प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीद है कि वह ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।