क्या जितेंद्र आव्हाड की टिप्पणी से महाराष्ट्र में सियासी बवाल मचा?

सारांश
Key Takeaways
- नितेश राणे ने जितेंद्र आव्हाड के बयान का कड़ा जवाब दिया।
- 'सनातनी आतंकवाद' को लेकर विवादित टिप्पणियाँ की गईं।
- राजनीतिक नेताओं को अपने रुख स्पष्ट करने की आवश्यकता है।
- यह विवाद हिंदू संस्कृति के प्रति सम्मान का सवाल बन गया है।
- महाराष्ट्र में सियासी माहौल और गर्मा सकता है।
मुंबई, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितेश राणे ने एनसीपी-एसपी नेता जितेंद्र आव्हाड के 'सनातन' के खिलाफ बयान पर कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि 'हिंदू आतंकवाद' या 'सनातनी आतंकवाद' जैसी शब्दावली का इस्तेमाल भारत की हिंदू और संत परंपरा को बदनाम करने के लिए किया गया है। पहले सुशील कुमार शिंदे, फिर पृथ्वीराज चव्हाण और अब जितेंद्र आव्हाड इसी तरह की भाषा का उपयोग कर हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
राणे ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "झूठी धर्मनिरपेक्षता के पीछे, आव्हाड का असली उद्देश्य हिंदू धर्म और संत परंपरा का अपमान करना है। आतंकवाद हिंसा से जुड़ा होता है, जिसका लक्ष्य लोकतंत्र और सहिष्णुता को कमजोर करना और असामाजिक षड्यंत्र रचना है। सनातन हिंदू परंपरा का इतिहास संवाद, बौद्धिक संघर्ष और लोकतंत्र का प्रतीक है।"
उन्होंने आगे लिखा, "'सनातनी आतंकवाद' शब्द का उपयोग हमारे इतिहास और हिंदू परंपरा का उपहास करने के समान है। यहाँ के हिंदू समाज आपके 'निराधार' विचारों का समर्थन नहीं करते और न ही भविष्य में करेंगे। सिर्फ अपने एक निर्वाचन क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए पूरे महाराष्ट्र को बर्बाद मत करो।"
इस दौरान राणे ने शरद पवार और सुप्रिया सुले से भी सवाल किए। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "क्या शरद पवार और सुप्रिया सुले, जितेंद्र आव्हाड के इस बयान से सहमत हैं? क्या राष्ट्रवादी शरद पवार गुट का भी यही रुख है? उन्हें इसे स्पष्ट करना चाहिए।"
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने भी जितेंद्र आव्हाड पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, "जितेंद्र आव्हाड ने सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए कई झूठी कहानियाँ सुनाई हैं। वे यह बताना भूल गए कि यदि सनातन धर्म नहीं होता तो वे अब तक सच में जित्तुद्दीन हो जाते। सनातन का सबसे बड़ा उपकार यह है कि यदि भारत की सभ्यता, संस्कृति और परंपराओं को पिछले हजारों सालों में किसी ने बचाया है तो वह सनातनी हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यदि सनातनी नहीं होते, तो यह देश कब का सऊदी अरब बन जाता। ऐसे सनातन धर्म को आतंकवादी कहना अहसान फरामोशी है।"
इससे पहले, जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है और यह भी कहा कि सनातन धर्म नाम का कोई धर्म कभी नहीं था।