क्या मनसे के प्रोटेस्ट को अनुमति नहीं मिली तो महाराष्ट्र के मंत्री ने अपनी ही सरकार से सवाल किए?

सारांश
Key Takeaways
- मनसे ने प्रोटेस्ट के लिए अनुमति मांगी थी।
- प्रताप सरनाईक ने सरकार पर सवाल उठाए।
- पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
- राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया गया।
- लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
मुंबई, ८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का प्रोटेस्ट महाराष्ट्र सरकार द्वारा अनुमति नहीं दी गई है। इस पर मंत्री प्रताप सरनाईक ने अपनी ही सरकार को घेर लिया है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के इस नेता ने कहा कि यदि पुलिस इस प्रकार मोर्चे को अनुमति नहीं दे रही है तो यह उचित नहीं है। कुछ दिन पहले व्यापारियों को मोर्चा निकालने की अनुमति दी गई थी, तो अब रोकने का कारण क्या है?
मराठी एकीकरण समिति और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मीरा रोड इलाके में मोर्चा निकालने की घोषणा की थी। विरोध प्रदर्शन से पहले ही पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इससे महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई। इस कार्रवाई के बाद मंत्री प्रताप सरनाईक इन कार्यकर्ताओं के समर्थन में खड़े हो गए हैं।
महाराष्ट्र सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा, "हमें संदेह है कि यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।"
उन्होंने कहा, "यह राजनीति से प्रेरित मामला है। यदि पुलिस इस तरह मोर्चा को अनुमति नहीं दे रही है तो यह सही बात नहीं है। रात में लोगों को हिरासत में लेने की बिल्कुल जरूरत नहीं थी। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। मैं इस मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री से बात करूंगा। यदि गृह मंत्रालय ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया तो पुलिस को किसी भी पार्टी की ओर से काम नहीं करना चाहिए।"
विपक्ष के नेता भी इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर हैं। एनसीपी-एसपी के विधायक रोहित पवार ने कहा कि मराठी समाज के साथ अन्याय हो रहा है।
उन्होंने कहा, "पुलिस प्रशासन ने मराठी एकीकरण समिति और मनसे के मोर्चे को अनुमति न देकर मराठी समाज के साथ अन्याय किया है। इससे पहले यहां गैर-मराठी लोगों को आंदोलन की अनुमति दी गई थी। जब मराठी लोग लोकतांत्रिक तरीके से मोर्चा निकाल रहे हैं तो इसमें क्या समस्या है?"
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन का यह रवैया लोकतंत्र के खिलाफ है। सरकार इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रही है।