क्या पीएम मोदी से मिलकर प्रदेश की महिला उद्यमियों ने २०१७ के बाद आए बदलाव की कहानी सुनाई?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का सशक्तिकरण उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा है।
- सरकारी नीतियों का महिलाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- महिला उद्यमियों की कहानियाँ प्रेरणादायक हैं।
- आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ती महिलाएँ समाज में बदलाव ला रही हैं।
- सुरक्षित माहौल में महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर रही हैं।
ग्रेटर नोएडा, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कभी लचर कानून-व्यवस्था के चलते महिलाओं के लिए असुरक्षित समझा जाने वाला उत्तर प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुका है। साल २०१७ से पहले, इस प्रदेश में उद्यम लगाने का तो सवाल ही नहीं था, महिलाएं घर से बाहर निकलने में भी हिचकिचाती थीं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े ८ वर्षों में हुए परिवर्तनों ने उत्तर प्रदेश की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो २०२५ में इस बदलाव की झलक देखने को मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं सहायता समूहों की महिला उद्यमियों से संवाद किया। यह पल उन महिलाओं के लिए सपने के सच होने जैसा था। इन पांच महिलाओं की कहानियाँ न केवल उनके व्यक्तिगत विकास को दर्शाती हैं, बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश में आए क्रांतिकारी बदलाव की कहानी भी पेश करती हैं। ये कहानियाँ बताती हैं कि योगी सरकार की नीतियों के कारण महिलाएं अब सुरक्षित महसूस करती हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्राप्त कर चुकी हैं।
मेरठ की संगीता, जो एक विद्युत सखी हैं, ने आत्मविश्वास के साथ प्रधानमंत्री को बताया कि वह हर महीने लोगों के बिजली बिल जमा करके अच्छी कमाई कर लेती हैं। प्रधानमंत्री ने उनकी कहानी को ध्यान से सुना और पूछा कि क्या उन्हें फील्ड में काम करते हुए कोई समस्या होती है? संगीता ने गर्व से बताया कि अब हमें कोई परेशानी नहीं होती। लोग हमें सम्मान से पहचानते हैं।
लखनऊ से आईं बैंकिंग सखी सरला ने प्रधानमंत्री को बताया कि वह लोगों के बैंक खाते खोलती हैं और इस काम से अच्छी कमाई करती हैं। पीएम ने उनसे उनके कार्य अनुभव के बारे में पूछा। सरला ने बताया कि प्रारंभ में लोगों को समझाना कठिन था, लेकिन अब वे भरोसा करते हैं। अब तक उन्होंने 2000 से अधिक जनधन खाते, 700 से अधिक सुरक्षा बीमा, और 200 से अधिक जीवन ज्योति बीमा खाते खोले हैं।
वाराणसी की नीतू सिंह की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि वह एक नमो ड्रोन दीदी हैं और उन्होंने ड्रोन चलाना सीखा है। नीतू ने कहा कि वह खेतों में खाद छिड़कने का कार्य करती हैं और एक बीघा के लिए 200 रुपए लेती हैं। उन्होंने पिछले डेढ़ साल में 1000 एकड़ से अधिक खेतों में ड्रोन से छिड़काव किया है।
बिजनौर की जूली देवी ने प्रधानमंत्री से मिलकर 15,000 महिलाओं का प्रतिनिधित्व किया, जो विदुर पेड़ा समिति से जुड़ी हैं। यह समिति साबुन, मसाला, मल्टीग्रेन आटा, बेसन समेत 150 से अधिक उत्पाद बनाती है। जूली ने कहा कि 2017 से पहले यूपी में महिलाएं उद्यम कर सकती हैं, यह सोचना भी मुश्किल था। अब हम न केवल घर चलाते हैं, बल्कि बेखौफ होकर अपना उद्यम भी करते हैं।
गोरखपुर की कौशल्या ने भी पीएम से मुलाकात की और बताया कि वह एक सफल डेयरी संचालिका हैं और हर महीने अच्छी कमाई करती हैं।