क्या हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि महिलाएं सुरक्षित और सशक्त महसूस करें? : विजया रहाटकर

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क्या हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि महिलाएं सुरक्षित और सशक्त महसूस करें? : विजया रहाटकर

सारांश

क्या महिलाएं वास्तव में सुरक्षित और सशक्त महसूस कर सकती हैं? राष्ट्रीय महिला आयोग के कार्यक्रम में इस पर चर्चा की गई। जानें, कैसे एकजुटता से हम एक नई दिशा में बढ़ सकते हैं।

Key Takeaways

  • महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
  • सशक्तिकरण के लिए हर चुनौती एक अवसर है।
  • संवाद और सहयोग से हम बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

मुंबई, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के सहयोग से 22-23 अगस्त को राज्य महिला आयोगों के लिए एक दो दिवसीय क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में देशभर के राज्य महिला आयोगों की अध्यक्षों, सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों को एकत्र किया गया, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की अधिक प्रभावी रक्षा करना, उनके कल्याण को सुनिश्चित करना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए उनकी संस्थागत क्षमता को बढ़ाना था। इस सम्मेलन का शीर्षक 'शक्ति संवाद' था।

क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर, सांसद सुनील तटकरे और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर उपस्थित थीं।

विजया रहाटकर ने राज्य आयोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए हमारे कार्य में चुनौतियां स्वाभाविक हैं, लेकिन हर चुनौती अपने भीतर एक अवसर लेकर आती है। हमें बाधाओं से खुद को नहीं रोकना चाहिए, इसके बजाय, हमारा ध्यान हमेशा समाधान खोजने पर केंद्रित होना चाहिए। जब हम कठिनाइयों का दृढ़ संकल्प और स्पष्टता के साथ सामना करते हैं, तो हम बाधाओं को भी सीढ़ी बना लेते हैं। इस यात्रा में प्रत्येक राज्य आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण है। हम सब मिलकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि देश भर की महिलाएं न सिर्फ सुरक्षित महसूस करें, बल्कि बिना किसी डर के सपने देखने और हासिल करने के लिए सशक्त भी हों।

उन्होंने यह भी कहा, "शक्ति संवाद सिर्फ शब्दों का संवाद नहीं, यह संकल्प का संवाद है। जब सभी राज्य महिला आयोग एक साझा दृष्टिकोण के साथ एकजुट होते हैं, तो हम एक सामूहिक शक्ति का निर्माण करते हैं जो पूरे देश में महिलाओं के जीवन को बदल सकती है। यह मंच सीखने, सहयोग करने और खुद को इस तरह तैयार करने के बारे में है कि यह सुनिश्चित हो सके कि हर महिला की आवाज सुनी जाए, उसकी गरिमा की रक्षा की जाए और उसकी आकांक्षाओं का समर्थन किया जाए। हम सब मिलकर न सिर्फ अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि एक ऐसे भविष्य का निर्माण भी कर रहे हैं, जहां लैंगिक समानता प्रगति की नींव बने।"

इस कार्यक्रम में महिलाओं के अनुभवों की अधिक समग्र समझ विकसित करने के लिए महिला-केंद्रित दृष्टिकोणों की समीक्षा और मानव तस्करी से निपटने में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर चर्चा हुई। सहमति की कानूनी उम्र पर एक विशेष सत्र आयोजित किया गया, जबकि एक अन्य सत्र में 'आंतरिक महिला' के विचार पर चर्चा की गई, जिसमें शरीर-केंद्रित धारणाओं से आगे बढ़कर महिलाओं के अनुभवों के व्यापक आख्यान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। 'शक्ति संवाद' कार्यक्रम संवाद और सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा, जिसने राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य महिला कल्याण समितियों के महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और पूरे देश में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के सामूहिक संकल्प की पुष्टि की।

Point of View

मैं मानता हूँ कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए यह कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसा मंच है, जहां हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना है, ताकि हर महिला को अपने अधिकारों का संरक्षण मिल सके।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्या था?
इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम में किन प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया?
कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर, सांसद सुनील तटकरे और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर उपस्थित थीं।
शक्ति संवाद का क्या महत्व है?
शक्ति संवाद एक ऐसा मंच है जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और लैंगिक समानता को बढ़ावा देता है।