क्या मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद सभी को न्याय मिला?

सारांश
Key Takeaways
- कर्नल प्रसाद पुरोहित को 17 साल बाद न्याय मिला है।
- पुणे में उनका भव्य स्वागत हुआ।
- मेधा कुलकर्णी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया।
- भाजपा सांसद ने 'भगवा आतंकवाद' के दाग को खत्म करने की बात की।
- यह निर्णय हिंदू धर्म के प्रति पूर्वाग्रह को चुनौती देता है।
पुणे, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने 17 साल के लंबे इंतज़ार के बाद कर्नल प्रसाद पुरोहित को निर्दोष घोषित किया है। रविवार को वे पुणे में अपने घर पहुंचे, जहां उनका शानदार स्वागत हुआ। पुणे की भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने इस अवसर पर कहा कि 17 साल बाद सबको न्याय मिला है।
कर्नल प्रसाद पुरोहित के पुणे स्थित निवास पर जोरदार स्वागत किया गया। इस समारोह में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी भी शामिल हुईं।
मीडिया से बात करते हुए कर्नल पुरोहित ने कहा, "मेरी सोसायटी में मेरे अपने लोगों ने मेरा स्वागत किया। मैं यहीं जन्मा और बड़ा हुआ। यहां मेरी दादी जैसी महिला मेरे लिए काका-काकू (चाचा-चाची) जैसी रही हैं। ये बच्चे मेरे सामने ही बड़े हुए हैं। यह सोसायटी मेरे लिए एक परिवार है।"
भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा, “आज देश में एक खुशी और उत्सव का माहौल है। जब माननीय न्यायालय ने यह निर्णय दिया कि कर्नल प्रसाद पुरोहित निर्दोष हैं, तो पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। जो 17 साल बर्बाद हुए, वो तो वापस नहीं आ सकते, लेकिन आज सबको न्याय मिला है। जो धब्बा हिंदू धर्म और देशभक्तों पर लगाया गया था, उसे आज एक बड़ा तमाचा मिला है। हम आज बहुत खुश हैं।”
कुलकर्णी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता जितेंद्र आव्हाड के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “शायद उन्होंने कुछ पढ़ा नहीं है और जानकारी नहीं ली होगी, इसलिए ऐसा कहा है। सनातन धर्म सबसे प्राचीन और आज भी अस्तित्व में है। यह एकमात्र धर्म है जो सबसे पुराना है और आज भी जीवित है।”