क्या ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर वोटर लिस्ट रिवीजन रोकने की अपील की?
सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है।
- विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर को रोकने की मांग की गई है।
- बीएलओ पर अत्यधिक दबाव डाला जा रहा है।
- जलपाईगुड़ी में आत्महत्या का मामला सामने आया है।
- अगर सुधार नहीं किया गया, तो नतीजे भयानक हो सकते हैं।
कोलकाता, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को एक पत्र भेजा। उन्होंने पत्र में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को तुरंत रोकने की मांग की है।
ममता बनर्जी ने एसआईआर को 'खतरनाक, बिना योजना वाला और अमानवीय' करार दिया। पत्र में उन्होंने कहा कि तीन महीने में जो कार्य पहले तीन वर्षों में होता था, उसे जबरदस्ती लागू करने से पूरा सिस्टम प्रभावित हो गया है। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) पर इतना दबाव डाला जा रहा है कि वे इंसानी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं। उन्हें उचित ट्रेनिंग नहीं दी गई, सर्वर बार-बार फेल हो रहा है, ऑनलाइन फॉर्म भरने में समस्याएँ आ रही हैं और टाइमलाइन असंभव है।
मुख्यमंत्री ने एक दुखद उदाहरण देते हुए कहा कि जलपाईगुड़ी के माल इलाके में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने एसआईआर के भारी दबाव में आत्महत्या कर ली। इसके बाद से कई और लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यह केवल कागजी काम नहीं है, बल्कि लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ है।
ममता ने बताया कि अभी बंगाल में धान की कटाई और आलू की बुआई का पीक सीजन चल रहा है। लाखों किसान और मजदूर खेतों में काम कर रहे हैं। वे घर पर बैठकर फॉर्म कैसे भर सकते हैं? इसके अलावा, बीएलओ को धमकियाँ मिल रही हैं और कारण बताओ नोटिस दिए जा रहे हैं।
पत्र में ममता बनर्जी ने स्पष्ट कहा कि यह प्रक्रिया हमारी लोकतंत्र की नींव को हिला रही है। गलत या अधूरी एंट्री के डर से लाखों असली वोटरों के नाम कट सकते हैं। बीएलओ और आम लोगों पर जो दबाव बनाया जा रहा है, वह असहनीय है।
अंत में मुख्यमंत्री ने अपील की है कि तुरंत इस प्रक्रिया को रोका जाए, सही ट्रेनिंग और सहायता प्रदान की जाए, टाइमलाइन बढ़ाई जाए और पूरी प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अभी सुधार नहीं किया गया, तो नतीजे बहुत भयानक होंगे और लोकतंत्र की साख को नुकसान पहुंचेगा। राज्य में पहले से ही इस रिवीजन को लेकर तनाव है और कई स्थानों पर लोग विरोध कर रहे हैं।
इससे पहले बुधवार को सीएम ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करके दावा किया था कि मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दबाव में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सह बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने आत्महत्या कर ली है।