क्या भूस्खलन के कारण मनाली-लेह राजमार्ग बंद हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- भूस्खलन के कारण मनाली-लेह राजमार्ग बंद हुआ है।
- हिमाचल प्रदेश में मौजूदा मानसून के दौरान गंभीर तबाही हुई है।
- राज्य की सरकार को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।
शिमला, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश की सोलंग घाटी में पहली बर्फ गैलरी के निकट हुए भूस्खलन के कारण मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-3) अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
मनाली के डीएसपी केडी शर्मा ने जानकारी दी कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा मलबा हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। सभी वाहनों को 'रोहतांग पास' के रास्ते पुनर्निर्देशित किया गया है। सड़क को फिर से खोलने में कुछ घंटों का समय लग सकता है।
गौरतलब है कि भूस्खलन, अचानक बाढ़ और मूसलाधार बारिश ने मौजूदा मानसून में हिमाचल प्रदेश में व्यापक तबाही मचाई है, जिसमें लगभग 51 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 22 लोग लापता हैं।
2 जुलाई (बुधवार) को, राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने 20 जून से 1 जुलाई की अवधि के लिए संचयी क्षति आकलन रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के सभी 12 जिलों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, निजी संपत्ति, जानवरों और मानव जीवन को गंभीर नुकसान हुआ है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा, "अब तक विभिन्न कारणों जैसे अचानक बाढ़, डूबने, भूस्खलन, बिजली गिरने और सड़क दुर्घटनाओं के कारण कुल 51 मौतें हुई हैं। लापता लोगों की संख्या वर्तमान में 22 है। मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 10 मौतें हुई हैं और सभी 34 लापता हैं।"
मानसून से जुड़े घटनाओं में 103 लोग घायल हुए हैं। बुनियादी ढांचे और संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ है। राज्य ने जिन 204 घरों को क्षतिग्रस्त होने की सूचना दी है, उनमें से 22 (पक्के और कच्चे दोनों निर्माण) पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। 84 स्टोर, मजदूरों की झोपड़ियां और मवेशियों के अस्तबल भी प्रभावित हुए हैं।
निजी संपत्ति को हुए नुकसान की अनुमानित लागत 88.03 लाख रुपये बताई जा रही है। सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की मात्रा इससे भी अधिक है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), जल शक्ति विभाग (जेएसवी), और बिजली उद्योग सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं।