क्या मंडी में क्षतिग्रस्त फोरलेन और हाईवे फिर से बनाए जाएंगे? केंद्र ने 264 करोड़ रुपए जारी किए
 
                                सारांश
Key Takeaways
- फोरलेन की बहाली के लिए 264 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।
- 20 सितंबर तक फोरलेन बहाल करने का आश्वासन दिया गया है।
- क्षतिग्रस्त सड़कों को पूरी तरह से बहाल किया जाएगा।
- पर्यटन के लिए फोरलेन का महत्व बढ़ता है।
- केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही हैं।
मंडी, 14 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टमटा ने कीतरपुर से लेकर मनाली तक के क्षतिग्रस्त फोरलेन का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा को लेकर केंद्र सरकार की पूरी गंभीरता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि 20 सितंबर तक मनाली तक फोरलेन को हर हाल में बहाल कर दिया जाएगा।
मंत्री अजय टमटा ने मीडिया के सामने कहा कि एनएचएआई को 201 करोड़ रुपए और राज्य की सड़कों के लिए 63 करोड़ रुपए तुरंत जारी कर दिए गए हैं। निकट भविष्य में तैयार की जा रही डीपीआर में एनएचएआई की 657 करोड़ रुपए की परियोजनाएं शामिल की जाएंगी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सभी सड़कों को पुनः बहाल किया जाएगा। इसमें कोई कमी नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार और पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के माध्यम से केंद्र सरकार को नुकसान की सभी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जैसे ही डीपीआर तैयार होगी, उसे तुरंत मंजूरी दी जाएगी और कार्य पुनः प्रारंभ किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां हुए नुकसान को लेकर गंभीर हैं और इसकी पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
अजय टमटा ने बताया कि प्रदेश में 2600 किमी एनएच है, जिसमें 785 किमी एनएचएआई के अधीन हैं जबकि 1200 किमी एनएच और 570 किमी बीआरओ के अधीन आता है।
अजय टमटा ने कहा कि कीतरपुर से मनाली तक का फोरलेन पर्यटन और सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मार्ग कुल्लू-मनाली होते हुए लाहौल-स्पीति और लेह को जोड़ता है। यहां हुए नुकसान का संपूर्ण आंकलन किया जा रहा है। क्षेत्र में तैनात एनएचएआई के अधिकारी सड़क बहाली में जुटे हुए हैं। कीतरपुर से कुल्लू तक सड़क को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है और 20 सितंबर तक मनाली तक सड़क बहाल कर दी जाएगी।
इस दौरान उनके साथ पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विधायक, एनएचएआई के अधिकारी और मंडी जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे। जयराम ठाकुर ने केंद्रीय राज्य मंत्री को यहां हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            