क्या मंगलवार को रवि योग में निवेश और व्यापार से मिलेगा लाभ? जानिए पूजा का विधान
सारांश
Key Takeaways
- रवि योग का निर्माण विशेष लाभकारी हो सकता है।
- लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ है।
- पूजा विधि को ध्यान से पालन करें।
- अभिजीत मुहूर्त का उपयोग करें।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पौष माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक होगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ होगी। इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो कि विशेष रूप से लाभकारी होता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार को सूर्य धनु राशि में और चंद्रमा मकर राशि में स्थित रहेंगे। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से शुरू होकर 12 बजकर 41 मिनट तक जारी रहेगा, जबकि राहुकाल का समय दोपहर 2 बजकर 55 मिनट से 4 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रवि योग को शुभ मानते हैं। यह तब बनता है जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र के चौथे, छठे, नौवें, दसवें और तेरहवें स्थान पर होता है। इस दिन निवेश, यात्रा, शिक्षा या व्यवसाय से जुड़े कार्यों की शुरुआत करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
इसी दिन मंगलवार भी है। यदि आप जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहे हैं या मंगल ग्रह कमजोर है, तो आप मंगलवार का व्रत और विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं। इस दिन किए गए कुछ कार्य शुभ फल देते हैं।
जो भी जातक इस तिथि पर व्रत या पूजा करें, उन्हें लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। यह मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है। इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयाँ अर्पित करना शुभ माना जाता है।
मंगलवार के दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए, आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म-स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें। फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें। उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें।
इसके बाद, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं। अंत में बजरंग बली की आरती करें। आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें। दिन के अंत में भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए।