क्या विधानसभा चुनाव से मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति लौटेगी?

Click to start listening
क्या विधानसभा चुनाव से मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति लौटेगी?

सारांश

मणिपुर कांग्रेस का कहना है कि राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए विधानसभा को भंग कर नए चुनाव कराना आवश्यक है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने अपनी राय रखी है। जानिए मणिपुर की स्थिति और नए साल में क्या उम्मीदें हैं।

Key Takeaways

  • मणिपुर में विधानसभा चुनाव की मांग उठी है।
  • कांग्रेस का कहना है कि शांति बहाली के लिए चुनाव आवश्यक हैं।
  • भाजपा सरकार ने विभिन्न उत्सवों का आयोजन किया है।
  • जनता की उम्मीदों को पूरा करने में मौजूदा सरकार विफल है।
  • नए साल में शांति और सौहार्द की उम्मीद जताई गई है।

इंफाल, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर कांग्रेस ने बुधवार को यह स्पष्ट किया कि राज्य में शांति और सामान्य स्थिति तभी संभव है, जब विधानसभा को भंग करके नए चुनाव कराए जाएं।

मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 60 सदस्यीय विधानसभा को भंग कर जनता से नया जनादेश लिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि नए चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार ही राज्य की मौजूदा स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालते हुए शांति, सामान्य स्थिति और विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द बहाल कर सकेगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां देशभर में लोग नए साल का स्वागत खुशी और उत्साह के साथ कर रहे हैं, वहीं मणिपुर के लोग मौजूदा हालात के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस लंबे समय से विधानसभा भंग कर नए चुनाव की मांग कर रही है। यही राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने का एकमात्र रास्ता है।” केशम मेघचंद्र सिंह खुद भी कांग्रेस के विधायक हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार जातीय हिंसा को खत्म करने और जनता की उम्मीदों, आकांक्षाओं व शिकायतों को दूर करने में पूरी तरह विफल रही है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि सरकार जनहित में फैसले लेती है, तो नया साल 2026 मणिपुर में शांति, सौहार्द, स्पष्टता और न्याय लेकर आएगा।

वहीं, भाजपा विधायक टोंगब्राम रोबिंद्रो सिंह ने कहा कि करीब दो साल के अंतराल के बाद राज्य सरकार ने लोगों का मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कई उत्सवों और कार्यक्रमों का आयोजन किया है।

उन्होंने बताया कि सार्वजनिक जीवन को पुनर्जीवित करने और विश्वास बहाल करने के उद्देश्य से सरकार ने शिरुई लिली फेस्टिवल (20–24 मई, उखरुल), 10 दिवसीय संगाई पर्यटन महोत्सव (21–30 नवंबर), पांच दिवसीय संगाई फिल्म फेस्टिवल (24–28 नवंबर), तमेंगलोंग जिले में ऑरेंज फेस्टिवल और एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट 134वें डूरंड कप (30 जुलाई से) जैसे प्रमुख सांस्कृतिक और खेल आयोजनों का सफल आयोजन किया।

थांगा विधानसभा क्षेत्र से चुने गए रोबिंद्रो सिंह ने सभी समुदायों से नए साल में मतभेद और गलतफहमियां भुलाकर शांति, सामान्य स्थिति और सौहार्दपूर्ण संबंध बहाल करने में सहयोग करने की अपील की।

गौरतलब है कि लंबे समय से जारी जातीय हिंसा के बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। यह फैसला तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के चार दिन बाद लिया गया था।

राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा निलंबित है, जिसका कार्यकाल वर्ष 2027 तक है।

Point of View

जो कि राजनीतिक अस्थिरता को दूर करने का एक प्रयास है। इस पर सभी पक्षों को विचार करना चाहिए।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या मणिपुर में विधानसभा चुनाव आवश्यक हैं?
मणिपुर कांग्रेस का मानना है कि विधानसभा भंग कर नए चुनाव कराने से ही राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो सकती है।
कांग्रेस की प्रमुख मांग क्या है?
कांग्रेस की प्रमुख मांग है कि 60 सदस्यीय विधानसभा को भंग कर जनता से नया जनादेश लिया जाए।
राज्य में शांति बहाल करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
राज्य में शांति बहाल करने के लिए नई सरकार का गठन महत्वपूर्ण है, जो जातीय हिंसा और जनहित की उम्मीदों का समाधान कर सके।
Nation Press