क्या मणिपुर कांग्रेस ने भाजपा विधायकों की दिल्ली बैठक को ‘क्रैश कोर्स’ बताया?

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क्या मणिपुर कांग्रेस ने भाजपा विधायकों की दिल्ली बैठक को ‘क्रैश कोर्स’ बताया?

सारांश

मणिपुर में कांग्रेस ने भाजपा विधायकों की दिल्ली बैठक पर तीखा हमला किया है। इसे 'क्रैश कोर्स' बताया गया, जबकि भाजपा ने शांति और विकास पर चर्चा की। क्या यह राजनीतिक स्थिति का संकेत है?

Key Takeaways

  • कांग्रेस ने भाजपा की बैठक को क्रैश कोर्स कहा है।
  • भाजपा ने शांति और विकास पर चर्चा की।
  • राज्य में नई सरकार की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
  • भाजपा के पास विधानसभा में 37 विधायकों का समर्थन है।
  • बैठक में 30 से अधिक विधायक शामिल हुए।

इंफाल, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सोमवार को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों द्वारा दिल्ली में केंद्रीय नेताओं के साथ की गई बैठक पर कड़ा हमला किया। कांग्रेस ने इस बैठक को “क्रैश कोर्स” करार देते हुए राज्य की वर्तमान राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति पर कटाक्ष किया।

रविवार को मणिपुर भाजपा विधायक दल की बैठक दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई, जिसमें हिंसा प्रभावित राज्य में शांति बहाली और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशम मेघचंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मणिपुर में कानून-व्यवस्था बहाल करने के बजाय भाजपा ने अपने विधायकों को दिल्ली भेजकर प्रशासनिक विफलताओं को सही ठहराने का क्रैश कोर्स करवा दिया है।”

भाजपा नेताओं के अनुसार, इस बैठक में 30 से अधिक भाजपा विधायक शामिल हुए, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह और कई पूर्व मंत्री भी शामिल थे। मणिपुर भाजपा अध्यक्ष अधिकारिमायुम शारदा देवी भी इस महत्वपूर्ण बैठक में मौजूद रहीं।

बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष और पूर्वोत्तर समन्वयक संबित पात्रा की उपस्थिति रही। भाजपा ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर पोस्ट कर बताया कि बैठक में मणिपुर में शांति और विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

भाजपा विधायकों का एक समूह, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह शामिल थे, शनिवार को ही दिल्ली पहुंच गया था। इससे पहले इंफाल में भाजपा नेताओं ने संकेत दिए थे कि इस बैठक में सरकार गठन को लेकर भी चर्चा हो सकती है।

राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर अटकलें तेज हैं। बड़ी संख्या में भाजपा विधायक और नेता जल्द सरकार बनाने की मांग कर रहे हैं, ऐसे में रविवार की बैठक को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है।

गौरतलब है कि 13 फरवरी को एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के चार दिन बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखा गया है, जिसका कार्यकाल 2027 तक है। भाजपा के पास विधानसभा में 37 विधायक हैं।

पिछले महीने बी.एल. संतोष और संबित पात्रा ने तीन दिन तक मणिपुर का दौरा कर पार्टी विधायकों और नेताओं से मुलाकात की थी, जिससे नई सरकार के गठन की अटकलें और तेज हो गई थीं।

अक्टूबर में भी 26 भाजपा विधायकों ने दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात कर मणिपुर में “लोकप्रिय सरकार” बनाने की अपील की थी। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि भाजपा के सभी विधायक एकजुट हैं और राज्य में सरकार गठन की प्रक्रिया जारी है, हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत मतभेदों पर टिप्पणी करने से इनकार किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मणिपुर में राजनीतिक गतिविधियों का ध्यान केंद्रित होना आवश्यक है। कांग्रेस का यह हमला भाजपा की प्रशासनिक विफलताओं को उजागर करता है। इस स्थिति पर ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि यह राज्य की स्थिरता और विकास को प्रभावित कर सकता है।
NationPress
15/12/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस ने भाजपा की बैठक पर क्या टिप्पणी की?
कांग्रेस ने भाजपा विधायकों की बैठक को 'क्रैश कोर्स' कहा है, जो प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने का प्रयास है।
भाजपा की बैठक में कौन-कौन शामिल था?
भाजपा की बैठक में 30 से अधिक विधायक शामिल थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और विधानसभा अध्यक्ष सत्यब्रत सिंह शामिल थे।
मणिपुर में वर्तमान राजनीतिक स्थिति क्या है?
मणिपुर में नई सरकार के गठन की अटकलें तेज हैं, और भाजपा विधायक सरकार बनाने की मांग कर रहे हैं।
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