क्या मणिपुर में असम राइफल्स का बड़ा एक्शन आतंकियों की साजिश को नाकाम कर देगा?
सारांश
Key Takeaways
- असम राइफल्स का सफल ऑपरेशन
- हथियारों का जखीरा बरामद
- आतंकी गतिविधियों में कमी
- स्थानीय सुरक्षा में वृद्धि
- सुरक्षा बलों की सतर्कता
इंफाल, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर के उथल-पुथल भरे क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने एक और सफल छापेमारी की। असम राइफल्स ने काकचिंग जिले के पुलिस कमांडो के साथ मिलकर न्यू चायांग के उमाथेल क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया।
इस ऑपरेशन में एक बड़ा हथियारों का जखीरा बरामद हुआ, जिससे क्षेत्र में संभावित आतंकी हमलों की साजिश पर करारा प्रहार किया गया। यह घटना मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सुरक्षा बलों की सतर्कता का एक और उदाहरण है, जहां पिछले कुछ महीनों से हथियारों की बरामदगी बढ़ी है।
अभियान की शुरुआत खुफिया जानकारी के आधार पर हुई। असम राइफल्स की टीम और काकचिंग पुलिस कमांडो ने सुबह-सुबह उमाथेल के जंगली क्षेत्र में घेराबंदी की। तलाशी के दौरान छिपे हुए एक गुप्त ठिकाने से हथियार और गोला-बारूद निकाले गए। बरामद सामग्री में एक इंसास लाइट मशीन गन, एक 12 बोर राइफल, एक सिंगल बैरल बोल्ट एक्शन राइफल, और एक सिंगल बैरल राइफल शामिल हैं।
इसके अलावा, 5.56 मिमी के 20 कारतूस, तीन हथगोले, एक ग्रेनेड रिंग (36), एक 51 मिमी इल्यूमिनेशन पैरा बम, 13 खाली कारतूस के डिब्बे और अन्य युद्ध सामग्री भी जब्त की गई। ये हथियार इतने घातक हैं कि इनका इस्तेमाल बड़े हमलों के लिए किया जा सकता था।
सुरक्षा बलों के अनुसार, यह जखीरा संभवतः स्थानीय उग्रवादी गुटों से जुड़ा था। मणिपुर में पिछले साल से चली आ रही जातीय हिंसा के कारण हथियारों की तस्करी बढ़ गई है। इस अभियान से न सिर्फ आतंकी गतिविधियां रुकी हैं, बल्कि स्थानीय लोगों में भी सुरक्षा का भरोसा बढ़ा है। बरामद सामग्री को आगे की जांच के लिए वाइखोंग पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है।
असम राइफल्स के अनुसार, वे राज्य में शांति बहाल करने के लिए लगातार ऐसे अभियान चलाएंगे। मणिपुर सरकार ने भी इन प्रयासों की सराहना की है और कहा है कि इससे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति लौटने की उम्मीद है।