क्या मणिपुर की हिंसा अलगाववादी शक्तियों के कुकृत्यों का परिणाम है? : दिलीप घोष

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा
- अलगाववादी ताकतों का खात्मा
- पूर्वोत्तर में अभूतपूर्व परिवर्तन की संभावना
- शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ना
- भाजपा नेताओं का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण
कोलकाता, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर का दौरा करने वाले हैं, लेकिन इससे पहले ही उस क्षेत्र में हिंसाभाजपा नेता दिलीप घोष ने इस हिंसा को अलगाववादी शक्तियों के कुकृत्यों का परिणाम बताया।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में यह दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी अलगाववादी ताकतों का सफाया हो चुका है।
उनका कहना था कि ये अलगाववादी शक्तियां केवल पूर्वोत्तर भारत में ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर में भी लंबे समय तक सक्रिय रहीं हैं, लेकिन अब इनका अस्तित्व समाप्त हो चुका है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य लंबे समय तक अलगाववादी शक्तियों से प्रभावित रहे हैं। इन शक्तियों ने शांति को भंग करने का प्रयास किया, लेकिन अब वे खत्म होने के कगार पर हैं। आने वाले दिनों में हमें निश्चित रूप से पूर्वोत्तर में एक अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिलेगा, जो वहाँ के निवासियों के लिए विकास की नई राह खोलेगा।
दिलीप घोष ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आगमन से मणिपुर में शांति से रहने वाले लोग उत्साहित होंगे। साथ ही, राष्ट्रवादी लोगों के बीच एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, जिसे इस समय शब्दों में व्यक्त करना कठिन है।
उन्होंने यह दुखद बताया कि कुछ लोग भारत में भी हिंसा का माहौल चाहते हैं और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर भारत में शांति को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
आगे उन्होंने कहा कि चीन, पाकिस्तान और अमेरिका के नेताओं की भाषा का उपयोग आजकल कांग्रेस के नेताओं द्वारा भी किया जा रहा है।