क्या इस देश में सभी संप्रदाय के लोगों को रहने का अधिकार है? : मनोज झा

सारांश
Key Takeaways
- हर संप्रदाय के लोगों को रहने का अधिकार है।
- बिहार विधानसभा चुनाव में जनसरोकार से जुड़े मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।
- भाजपा के नेताओं में नफरत का आचरण है।
- राजद का उद्देश्य सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- सभी को समान अधिकार मिलना चाहिए।
नई दिल्ली, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने मंगलवार को भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया के उस बयान पर हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा था कि राजद ‘समाजवादी’ नहीं, बल्कि ‘नमाजवादी’ पार्टी है।
मनोज झा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि इस देश में मंदिर में पूजा करने वाले, मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले और चर्च में जाने वाले सभी संप्रदाय के लोगों को रहने का अधिकार है। इसके अलावा, जो लोग इनमें से किसी को भी नहीं मानते, उन्हें भी इस देश में रहने का अधिकार है। किसी को इससे आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव पर कहा कि अब राजनीतिक मुद्दों की नहीं, बल्कि जनसरोकार से जुड़े मुद्दों की बात होगी। अब बिहार में चर्चा होगी कि कैसे लोगों को आगे बढ़ाया जाए और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
मनोज झा ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन कानून का विरोध कई मुस्लिम संगठनों ने मिलकर किया था, जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा ए हिंद शामिल हैं। हमने इस मामले को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, और यहाँ तक कि न्यायालय ने भी सरकार से सवाल पूछा है। भाजपा के लोग नफरत से भरे हैं।
निशिकांत दुबे के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं उनके बारे में क्या टिप्पणी करूं। उनके मन में जो आता है, वही बोलते हैं। उन्होंने निशिकांत दुबे को सलाह दी कि वे अपने संसदीय क्षेत्र गोड्डा की चिंता करें।