क्या मनोज सिन्हा ने रामबन-गूल मार्ग पर बेली ब्रिज का उद्घाटन किया?

सारांश
Key Takeaways
- बेली ब्रिज का उद्घाटन 17 सितंबर को किया गया।
- यह पुल 1.5 लाख लोगों के लिए संपर्क का साधन है।
- भारतीय सेना ने इस पुल का निर्माण किया है।
- पुल का उद्देश्य आवश्यक सेवाओं की पहुंच को आसान बनाना है।
- यह पुल प्राकृतिक आपदाओं के बाद बुनियादी ढांचे की बहाली में मदद करेगा।
श्रीनगर, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 'सेवा पखवाड़ा' का शुभारंभ करते हुए रामबन-गूल मार्ग पर बेली ब्रिज का वर्चुअल उद्घाटन किया।
उपराज्यपाल ने इस पुल को रामबन के निवासियों को समर्पित किया और भारतीय सेना के साहसी इंजीनियरों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में इस पुल का निर्माण किया।
उन्होंने कहा, "यह पुल रामबन, संगलदान और गूल के लगभग 1.5 लाख लोगों के लिए आशा और जीवनरेखा का प्रतीक है। यह संपर्क को बढ़ावा देगा और जीवन को सरल बनाएगा।"
उपराज्यपाल ने प्राकृतिक आपदाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन घटनाओं ने जनजीवन को प्रभावित किया है, जिससे बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। बेली ब्रिज भारतीय सेना की समर्पण, विशेषज्ञता और सेवा का प्रमाण है।
उन्हें उम्मीद है कि यह पुल आवश्यक आपूर्ति, चिकित्सा सहायता और आपातकालीन सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि यह पुल इस बात का प्रतीक है कि जब ज़रूरत होती है, भारतीय सेना हमेशा देश के साथ खड़ी रहती है।
इस अवसर पर मेजर जनरल एपीएस बल, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मनदीप के भंडारी, रामबन के उपायुक्त मोहम्मद अलयास खान, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।