क्या मराठा आरक्षण पर सियासत तेज हो गई है? रामदास आठवले ने देवेंद्र फडणवीस का किया बचाव

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क्या मराठा आरक्षण पर सियासत तेज हो गई है? रामदास आठवले ने देवेंद्र फडणवीस का किया बचाव

सारांश

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर सियासत गरमाई हुई है। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने देवेंद्र फडणवीस का बचाव करते हुए ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की बात की। इस राजनीतिक संग्राम में सभी नेता अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं। जानिए इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • मराठा आरक्षण पर राजनीति तेज हो गई है।
  • रामदास आठवले ने देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया।
  • ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता है।
  • सभी समुदायों के लिए समर्पण जरूरी है।
  • महायुति मुंबई में मजबूत बनी हुई है।

बुलढाणा, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण, ओबीसी आंदोलन और दलित नेताओं के सम्मान जैसे मुद्दों पर राजनीति में तेजी आई है। नेता अब आरक्षण के मुद्दे को लेकर जनता का ध्यान आकर्षित करने में जुटे हैं।

केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा कि ओबीसी समुदाय को पहले ही कम आरक्षण मिला है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा के कारण अब और आरक्षण प्रदान करना संभव नहीं है।

जब बीपी सिंह के कार्यकाल में मंडल आयोग की सिफारिशों में संशोधन किया गया था और उसके बाद ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया गया, तब से हमारी भूमिका हमेशा मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने की रही है।

उन्होंने यह भी कहा, "इस प्रक्रिया में ओबीसी पर कोई अन्याय न हो, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य का 10 प्रतिशत आरक्षण मराठा समुदाय को दिया है, और यह मराठा समुदाय पर भी लागू होता है। मनोज जरांगे पाटिल की हैदराबाद गैजेट की मांग को देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने मान लिया है, जिससे कुणबी रिकॉर्ड वाले मराठा समुदाय को लाभ होगा।"

रामदास आठवले ने आगे कहा कि कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि उन्होंने सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कुछ कहा है। उन्होंने इन अफवाहों का खंडन करते हुए कहा कि फडणवीस ने लंदन में बाबासाहेब आंबेडकर से जुड़ी चीजों को वापस लाने और मुंबई में भव्य इंदु मिल स्मारक के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि अन्नाभाऊ साठे का एक भव्य स्मारक बनाया जाए, जिसके लिए सरकार चार-पांच करोड़ रुपए का फंड दे। वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे ताकि अन्नाभाऊ साठे को जल्द से जल्द भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।

दशहरा सभा में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने की अटकलों पर आठवले ने कहा, "अगर दोनों भाई एक साथ भी आते हैं तो महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। मुंबई में महायुति (महागठबंधन) अब भी मजबूत है और वे मुंबई महानगरपालिका चुनाव जीतकर रहेंगे।

उन्होंने कहा कि मुंबई में 40 प्रतिशत मराठा और 60 प्रतिशत गैर-मराठी समुदाय हैं और इन सभी का समर्थन महायुति को मिलेगा। 70 सालों में कई मराठी मुख्यमंत्री हुए, लेकिन किसी ने भी मराठा आरक्षण का निर्णय नहीं लिया। यह निर्णय देवेंद्र फडणवीस ने लिया, इसलिए उन्हें इसका श्रेय मिलना चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि महाराष्ट्र की राजनीति में मराठा आरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। यह आवश्यक है कि सभी समुदायों के अधिकारों का सम्मान किया जाए और किसी भी प्रकार का अन्याय न हो। इस दिशा में सियासत का सही दिशा में होना राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या मराठा आरक्षण का मुद्दा सिर्फ राजनीति है?
यह मुद्दा राजनीति से संबंधित है, लेकिन यह सामाजिक न्याय और समुदायों के अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है।
रामदास आठवले ने देवेंद्र फडणवीस का बचाव क्यों किया?
आठवले ने ओबीसी अधिकारों की रक्षा की बात करते हुए फडणवीस के कार्यों की सराहना की।