क्या मत्स्यासन बेली फैट घटाने और अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद है?

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क्या मत्स्यासन बेली फैट घटाने और अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि मत्स्यासन न केवल बेली फैट कम करने में मदद करता है, बल्कि यह अस्थमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है? जानिए इस अद्भुत योगासन के बारे में और इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में।

Key Takeaways

  • मत्स्यासन बेली फैट कम करने में मदद करता है।
  • यह अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
  • यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
  • महिलाएं इससे मासिक धर्म के दौरान राहत पा सकती हैं।
  • सांस लेने की क्षमता में सुधार करता है।

नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में बेली फैट एक सामान्य समस्या बन गई है। घंटों तक कुर्सी पर बैठकर काम करना, असामयिक खानपान और तनाव का असर सबसे पहले पेट पर ही दिखाई देता है। कई लोग घंटों जिम में मेहनत करते हैं, लेकिन बेली फैट पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ता। योग इस समस्या से निपटने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय है।

योग में बेली फैट को कम करने के लिए कई आसन हैं, लेकिन मत्स्यासन इस पर सबसे तेजी से कार्य करता है। 'मत्स्यासन' नाम दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, 'मत्स्य' का अर्थ है मछली और 'आसन' का अर्थ है बैठने की मुद्रा।

इस आसन में शरीर की स्थिति मछली के समान होती है, जिसमें छाती को ऊपर उठाया जाता है और सिर को पीछे की ओर झुकाया जाता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, मत्स्यासन पेट की मांसपेशियों पर सीधे प्रभाव डालता है, जिससे वहां जमा फैट पर असर होता है। जब आप इस आसन को सही तरीके से करते हैं, तो पेट की नसों और मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और फैट धीरे-धीरे कम होने लगती है।

बेली फैट घटाने के अलावा, मत्स्यासन शरीर की अन्य समस्याओं को भी दूर करने में मदद करता है। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है, जिससे पीठ दर्द और शरीर में अकड़न जैसी समस्याएं कम होती हैं। जो लोग लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करते हैं, उनके लिए यह आसन एक राहत देने वाला अभ्यास है।

मत्स्यासन से सीने को मजबूती मिलती है और सांस लेने की क्षमता में सुधार होता है, जिससे फेफड़ों को ताकत मिलती है। यह उन लोगों के लिए भी लाभदायक है, जो अस्थमा या सांस की समस्याओं से जूझ रहे हैं।

महिलाओं के लिए भी यह आसन बेहद फायदेमंद माना जाता है। विशेषकर जो महिलाएं मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द, ऐंठन या बेचैनी महसूस करती हैं, उनके लिए यह आसन काफी राहतकारी हो सकता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और हार्मोन संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

Point of View

बल्कि अस्थमा जैसी समस्याओं के लिए भी उपयोगी है। यह हमें याद दिलाता है कि साधारण योगाभ्यास से हम अपनी सेहत में सुधार कर सकते हैं। हर नागरिक को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना चाहिए, और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।
NationPress
16/09/2025

Frequently Asked Questions

मत्स्यासन कैसे किया जाता है?
मत्स्यासन करने के लिए पहले जमीन पर लेट जाएं, फिर अपने पैरों को मोड़कर घुटनों के पास लाएं, और छाती को ऊपर उठाएं।
क्या मत्स्यासन से बेली फैट कम होता है?
जी हां, मत्स्यासन पेट की मांसपेशियों पर सीधे प्रभाव डालता है, जिससे बेली फैट कम होता है।
क्या यह आसन अस्थमा के लिए फायदेमंद है?
हाँ, यह आसन फेफड़ों को मजबूत बनाता है और सांस लेने की क्षमता में सुधार करता है।