क्या मिलिंद सोमन ने बताया कि तकनीक कैसे बदल रही है शहरों में जीवनशैली और लोगों की सेहत?
सारांश
Key Takeaways
- तकनीक ने जीवन को सरल बनाया है।
- शारीरिक गतिविधियों में कमी आ रही है।
- गांवों में लोग अभी भी सक्रिय हैं।
- आधुनिक आदतें मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं।
- नियमित व्यायाम से स्वास्थ्य में सुधार संभव है।
मुंबई, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान में तकनीक ने हमारी जीवनशैली को बदलकर आसान बना दिया है। हम एक क्लिक पर काम कर सकते हैं, जानकारी हासिल कर सकते हैं, और मोबाइल पर मनोरंजन कर सकते हैं। परंतु, यह भी सच है कि यही तकनीक लोगों की जीवनशैली में महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। इस बदलाव के चलते शारीरिक गतिविधियों में कमी आई है और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
इस विषय पर फिटनेस आइकन और अभिनेता-मॉडल मिलिंद सोमन ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत की। उन्होंने बताया कि आधुनिक डिजिटल जीवन ने शहरों में रहने वाले लोगों को आलसी बना दिया है और उनके स्वस्थ रहने की आदतों को प्रभावित किया है।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए मिलिंद सोमन ने कहा, 'लोग अब अधिकतर फोन, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों पर निर्भर हो गए हैं। पहले लोग पैदल चलते थे, साइकिल चलाते थे और हाथ से काम करते थे, लेकिन अब अधिकतर कार्य डिजिटल हो गए हैं। इसका परिणाम यह है कि लोग शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं।'
उन्होंने ग्रामीण और शहरी जीवनशैली की तुलना करते हुए कहा कि गांवों में लोग अभी भी पैदल चलते हैं, साइकिल चलाते हैं और मेहनत करते हैं, इसलिए उनकी सेहत और फिटनेस बेहतर रहती है। वहीं, शहरों में लोग शारीरिक मेहनत कम कर रहे हैं क्योंकि अधिकांश कार्य कंप्यूटर और मोबाइल पर हो रहे हैं।'
मिलिंद ने कहा, 'गांवों में लोग अपने दैनिक कामों को फुर्ती से शारीरिक गतिविधि के माध्यम से करते हैं। इससे वे स्वस्थ जीवनशैली जीते हैं और फिट रहते हैं। शहरों में लोग धीरे-धीरे आलसी और कम सक्रिय हो रहे हैं। यह केवल शारीरिक कमजोरी का कारण नहीं है, बल्कि मानसिक रूप से भी लोग कमजोर हो रहे हैं।'
मिलिंद सोमन ने फिटनेस रूटीन पर कहा, 'मैं हमेशा यह बताता आया हूं कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और स्वस्थ जीवन जीना कितना आवश्यक है। आधुनिक आदतें और तकनीक हमारी जीवनशैली और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं। अगर लोग नियमित रूप से व्यायाम करें, पैदल चलें और अपने शरीर को सक्रिय रखें, तो शहरी जीवन की चुनौतियों का सामना करना आसान हो जाएगा।'