क्या मिजोरम पुलिस की एफआईआर पर ईडी का एक्शन ड्रग्स और कैश फ्लो की जांच को उजागर करेगा?

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क्या मिजोरम पुलिस की एफआईआर पर ईडी का एक्शन ड्रग्स और कैश फ्लो की जांच को उजागर करेगा?

सारांश

ईडी ने मिजोरम में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में छापेमारी की है। एफआईआर के आधार पर की गई इस कार्रवाई में मिजोरम, असम और गुजरात के कई स्थान शामिल हैं। गिरफ्तार लोगों के वित्तीय लिंक से ड्रग्स नेटवर्क का खुलासा हो सकता है, जिससे इस मामले की गंभीरता बढ़ गई है।

Key Takeaways

  • ईडी ने मिजोरम में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
  • छापेमारी में बड़ी मात्रा में नकद और ड्रग्स बरामद हुए।
  • गुजरात और मिजोरम की फर्मों के बीच वित्तीय संबंध पाए गए।
  • जांच में असम, मिजोरम और अन्य राज्यों के नार्को हवाला ऑपरेटर शामिल हैं।
  • ईडी सभी सबूतों की फॉरेंसिक जांच कर रहा है।

नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में मिजोरम, असम और गुजरात में कई स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत आइजोल सब-जोनल ऑफिस द्वारा की गई है।

यह जांच मिजोरम पुलिस की उस एफआईआर पर आधारित है, जिसमें 6 लोगों से 4.724 किलोग्राम हेरोइन और 1 करोड़ 41 लाख रुपए से अधिक नकद बरामद किए गए थे। यह मामला सीधे तौर पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट से संबंधित है, जिसके कारण ईडी ने पैसों के लेन-देन और ड्रग्स नेटवर्क की गहराई से जांच शुरू की।

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके वित्तीय विश्लेषण से मिजोरम और गुजरात की फर्मों के बीच वित्तीय संबंधों का पता चला। गुजरात की फर्मों ने मिजोरम की फर्मों को स्यूडोएफेड्रिन टैबलेट (एनडीपीएस-आरसीएस ऑर्डर 2013 में अनुसूची-ए, बी, सी पदार्थ) और कैफीन एनहाइड्रस की आपूर्ति की, जो ड्रग तस्करों से जुड़ी हुई हैं, जो चम्फाई, मिजोरम के आदतन अपराधियों के माध्यम से तस्करी और हवाला लेन-देन करते हैं।

मिजोरम की फर्मों का कोलकाता स्थित शेल संस्थाओं के साथ भी वित्तीय संबंध पाया गया है, जिन्होंने कैफीन एनहाइड्रस की उक्त खेप खरीदी थी। इन शेल कंपनियों ने भी कैफीन एनहाइड्रस की बड़ी खेप खरीदी थी, जो आगे ड्रग तैयार करने में उपयोग होती है।

ईडी का कहना है कि मेथामफेटामाइन के उत्पादन में उपयोग होने वाले प्रीकर्सर को भारत से म्यांमार तक अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के माध्यम से ले जाया जाता है, जहां उनका निर्माण होता है।

जांच में एक और चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि असम, मिजोरम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और दिल्ली में मौजूद नार्को हवाला ऑपरेटरों के बैंक अकाउंट में लगभग 52.8 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। ये सभी कैश डिपॉजिट ड्रग्स की बिक्री और तस्करी से अर्जित पैसों के हिस्से बताए जा रहे हैं। ईडी अब इन ऑपरेटरों के स्टेटमेंट और लेन-देन की गहराई से जांच कर रहा है।

छापेमारी के दौरान ईडी को डिजिटल डिवाइस, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और लगभग 35 लाख रुपए कैश भी मिले हैं। सभी बरामद सामानों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क की असली तस्वीर सामने आ सके।

Point of View

इससे जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जांच करना आवश्यक है ताकि सत्यता का पता लगाया जा सके और अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा सके।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

ईडी की छापेमारी का मुख्य कारण क्या है?
ईडी की छापेमारी का मुख्य कारण मिजोरम पुलिस की एफआईआर है, जिसमें ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले का उल्लेख किया गया है।
छापेमारी में क्या बरामद किया गया?
छापेमारी के दौरान ईडी को डिजिटल डिवाइस, महत्वपूर्ण दस्तावेज और ₹35 लाख नकद बरामद हुए हैं।
क्या यह कार्रवाई ड्रग्स के खिलाफ है?
जी हां, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग्स तस्करी के खिलाफ सख्त कदम है।
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