क्या सर्दियों में पाचन को मजबूत रखने के लिए आयुर्वेद से आसान उपाय हैं?
सारांश
Key Takeaways
- सर्दियों में हल्का और गरम भोजन करें।
- अदरक, काली मिर्च और हल्दी का सेवन करें।
- घरेलू उपायों का पालन करें।
- भोजन के बाद टहलना न भूलें।
- गुनगुना हिंग वाला पानी पिएं।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सर्दियों का मौसम ठंडक, आलस्य और गरमागरम भोजन का आनंद लाता है, पर इस दौरान पाचन संबंधी समस्याएं भी आम हो जाती हैं। ठंड के चलते शरीर की गतिविधियाँ धीमी हो जाती हैं, चयापचय कम होता है और पाचन अग्नि असंतुलित हो सकती है। इस स्थिति में भारी, तला-भुना या तैलीय भोजन का पाचन कठिन हो जाता है, जिससे गैस, कब्ज, सीने में जलन और पेट भारी लगने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, ठंड में अग्नि तो तेज होती है, लेकिन गलत खानपान इसे कमजोर कर सकता है। अतः यदि दिनचर्या और भोजन सही रखा जाए तो यही मौसम पाचन शक्ति को बढ़ाने का एक अद्भुत समय है।
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, सर्दियों में वात और कफ दोनों बढ़ते हैं। वात के बढ़ने से गैस, पेट दर्द और कब्ज की समस्या होती है, जबकि कफ के बढ़ने से भारीपन, अपच और भूख कम लगने जैसी समस्याएं सामने आती हैं। यदि अग्नि मंद पड़ जाए तो शरीर में आमा बनने लगते हैं, जिससे शरीर सुस्त महसूस करता है, थकान बढ़ती है और इम्युनिटी भी कम होती जाती है।
सर्दियों में आमतौर पर भारीपन, भूख का कम होना, खट्टी डकारें, पेट कड़ा महसूस होना या भोजन के बाद नींद-सी आना जैसे लक्षण सामान्य होते हैं। इन्हें संभालने के लिए खाने-पीने में थोड़ा ध्यान देना आवश्यक है। इस दौरान हल्का, गरम और सुपाच्य भोजन करना बेहद फायदेमंद होता है। अदरक, काली मिर्च, अजवाइन, जीरा और हल्दी पाचन को समर्थन देते हैं। इस समय ठंडा पानी, फ्रिज का खाना, रात में दही और अत्यधिक मीठा या तला हुआ भोजन कम करना चाहिए। चाय की जगह गरम पानी या हर्बल टी लेना अधिक लाभकारी होता है।
घरेलू उपाय जैसे अदरक-काली मिर्च वाला पानी पीना, भोजन के बाद सौंफ चबाना, अजवाइन-काला नमक का पानी लेना और सुबह कपालभाति करना पाचन को सक्रिय रखते हैं। भोजन के बाद 10 मिनट टहलना सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। यदि गैस अधिक बनती हो तो गुनगुना हिंग वाला पानी राहत प्रदान करता है।