क्या पुलिस अनुमति के बिना मनसे कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन गलत है? : कृष्णा हेगड़े

सारांश
Key Takeaways
- भाषा विवाद का मामला गर्म है।
- मनसे कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
- कृष्णा हेगड़े ने पुलिस अनुमति का महत्व बताया।
- शांति बनाए रखने की अपील की गई।
- कानून के उल्लंघन की निंदा की गई।
मुंबई, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में भाषा विवाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसी बीच, मंगलवार को मीरा रोड पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने बिना पुलिस की अनुमति के सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को गलत बताया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, "हर किसी को अपना कारोबार करने और अपनी बात रखने का संविधानिक अधिकार है, लेकिन मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मीरा रोड में बिना पुलिस की अनुमति के प्रदर्शन करना सचमुच गलत है। इसलिए पुलिस ने उन्हें डिटेन किया है। मेरी सभी व्यापारियों और मनसे कार्यकर्ताओं से अपील है कि वे शांति बनाए रखें।"
उन्होंने आगे कहा, "मराठी हमारी राज्यभाषा है और इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सभी को मराठी सीखना और उसका सम्मान करना चाहिए। लेकिन, कानून अपने हाथ में लेना, हिंसा करना या किसी को मारना गलत है और मैं इसकी निंदा करता हूं। पुलिस सक्षम है और दोषियों को सजा मिलेगी।"
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के राज ठाकरे को लेकर दिए गए हालिया बयान पर हेगड़े ने कहा, "राज ठाकरे और निशिकांत दुबे के बीच जो भी विवाद है, वह उनका आपसी मामला है। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। यह दोनों नेताओं का मामला है और उन्हें ही इसका समाधान निकालना चाहिए।"
मनसे नेता के पुत्र द्वारा नशे की हालत में महिला के साथ दुर्व्यवहार पर हेगड़े ने कहा, "राहिल शेख का शराब के नशे में महिला से गाली-गलौज करना बिल्कुल गलत था और मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। अंबोली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और उसे कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए। लेकिन, महिला द्वारा उसकी कार में घुसकर वीडियो बनाना भी निजता का उल्लंघन है। यह भी गलत है। ताली दो हाथ से बजती है, इसलिए जांच करके घटना की पूरी सच्चाई सामने लानी चाहिए। महिला एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, इसलिए इरादतन किया गया या नहीं, यह भी विचारणीय है।