क्या मोदी मैजिक से जॉर्डन अभिभूत हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी की जॉर्डन यात्रा ऐतिहासिक है।
- भारतीय समुदाय का गर्मजोशी से स्वागत।
- द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का प्रयास।
- राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे।
- संस्कृतिक जुड़ाव के महत्व को समझना।
अम्मान, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंचे, जहाँ भारतीय समुदाय ने उनका जोरदार स्वागत किया। हाथों में भारतीय तिरंगा लिए और “मोदी मोदी” तथा “भारत माता की जय” के नारे लगाते हुए, भारतीय समुदाय के सदस्यों ने उनके होटल पहुँचने पर उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित लोगों का अभिवादन किया और स्वागत के लिए आए बच्चों से बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने एक सांस्कृतिक प्रस्तुति का अवलोकन भी किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “अम्मान में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत से मैं अत्यंत भावुक हूँ। उनका स्नेह, भारत की प्रगति पर गर्व और मजबूत सांस्कृतिक संबंध भारत और उसके प्रवासी समुदाय के बीच स्थायी संबंधों को दर्शाते हैं। प्रवासी समुदाय की भारत-जॉर्डन संबंधों को मजबूत करने में भूमिका के लिए भी आभार व्यक्त करते हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास जताया कि उनकी यह यात्रा भारत और जॉर्डन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई मजबूती देगी। दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत करते हुए उन्होंने जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन द्वारा हवाई अड्डे पर किए गए स्वागत के लिए भी आभार प्रकट किया।
उन्होंने लिखा, “अम्मान पहुँचा। जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन का हवाई अड्डे पर किए गए गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करेगी।”
जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन ने स्वयं हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। यह यात्रा किंग अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन के निमंत्रण पर हो रही है। भारत-जॉर्डन के बीच 37 वर्षों के बाद यह पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें दोनों देशों के संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान होगा।
यह यात्रा भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हो रही है। इससे द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने, पारस्परिक विकास एवं समृद्धि के लिए नए अवसर तलाशने तथा क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता दोहराने का अवसर मिलेगा।
जॉर्डन के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह ऐतिहासिक यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है। इस दौरान मैं किंग अब्दुल्ला द्वितीय, प्रधानमंत्री जाफर हसन और क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय से विस्तृत चर्चा करूंगा। अम्मान में मैं उस जीवंत भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करूंगा, जिन्होंने भारत-जॉर्डन संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।”
उल्लेखनीय है कि यह प्रधानमंत्री मोदी की जॉर्डन की पहली पूर्ण द्विपक्षीय यात्रा है। इससे पहले फरवरी 2018 में वे फिलिस्तीन जाते समय जॉर्डन से होकर गुजरे थे। विदेश मंत्रालय की सचिव (दक्षिण) नीना मल्होत्रा ने यात्रा से पहले बताया कि भारत और जॉर्डन के संबंध राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और लोगों से लोगों के बीच मजबूत संपर्कों से परिपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच मजबूत आपसी समझ है और हाल के वर्षों में कई बार मुलाकात और संवाद हुआ है। अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी, जिसमें जॉर्डन के राजा ने आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन किया था।