क्या पीएम मोदी सादगी को प्राथमिकता देने वाले नेता हैं? देवेंद्र फडणवीस ने साझा किया खास वीडियो

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का सादगी और सेवा के प्रति समर्पण उनके नेतृत्व को दर्शाता है।
- देवेंद्र फडणवीस की पहली मुलाकात ने उनके मन में पीएम मोदी के प्रति एक विशेष धारणा बनाई।
- सादगी से जीना और सेवा करना, प्रधानमंत्री मोदी की पहचान बन गई है।
- भाजपा का 'सेवा पखवाड़ा' पीएम मोदी की सेवा और जनकल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाता है।
- पीएम मोदी का जीवन अनुशासन और आध्यात्मिकता से भरा हुआ है।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन से पहले, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उनसे जुड़ा एक अनोखा किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि जब मैं पहली बार पीएम मोदी से नागपुर में मिला, तब उस मुलाकात ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 'माय मोदी स्टोरी' के तहत एक भावुक वीडियो साझा करते हुए पीएम मोदी के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद किया, जो कई साल पहले नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी।
फडणवीस ने वीडियो में कहा, "जब मैं पहली बार पीएम मोदी से नागपुर में मिला, मुझे नहीं पता था कि वह पल मुझ पर इतनी गहरी छाप छोड़ेगा। उस समय मैं एक युवा मेयर था और अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सीखने के लिए उत्सुक था।"
वे नागपुर के रेशीमबाग में आयोजित 'अभ्यास वर्ग' का उल्लेख कर रहे थे, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए वैचारिक और संगठनात्मक प्रशिक्षण का केंद्र है। उस समय फडणवीस भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम), नागपुर के अध्यक्ष भी थे और उन्हें इस आयोजन की जिम्मेदारी दी गई थी।
उन्होंने कहा, "रेशीमबाग में अभ्यास वर्ग आयोजित किया गया था। मैं बीजेवाईएम, नागपुर का अध्यक्ष था और आयोजन की जिम्मेदारी मेरी थी। हमने सभी अतिथियों के लिए उचित व्यवस्था की थी।"
फडणवीस ने आगे बताया, "जब पीएम मोदी आए, तो उन्होंने सबसे पहले डॉ. हेडगेवार के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जब मैंने पूछा कि वे कहां ठहरना चाहेंगे, तो मैंने सोचा कि वे अन्य नेताओं की तरह गेस्ट हाउस चुनेंगे। लेकिन, उन्होंने सादगी से कहा कि वे रेशीमबाग में संघ कार्यकर्ताओं के लिए बने छोटे से कमरे में रहना चाहेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने आयोजन की व्यवस्थाओं पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया और यह सुनिश्चित किया कि हर प्रतिभागी को कोई असुविधा न हो।
फडणवीस ने कहा, "मैं उनकी उस पसंद से प्रभावित हुआ। इससे उनकी विनम्रता और संघ की परंपरा के प्रति उनके गहरे जुड़ाव का पता चला। पूरे आयोजन के दौरान उन्होंने हर छोटी-बड़ी बात पर ध्यान दिया और सभी प्रतिभागियों की सुविधा का ख्याल रखा।"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, "उस पहली मुलाकात ने मेरे मन में उनके प्रति एक विशेष धारणा बनाई। मैंने एक ऐसे नेता को देखा, जो विलासिता के बजाय सादगी और पद के बजाय सेवा को महत्व देते हैं। नरेंद्र मोदी की यह छवि मेरे साथ हमेशा रही।"
फडणवीस ने यह किस्सा ऐसे समय में सुनाया है, जब भाजपा 17 सितंबर को पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन की तैयारियों में जुटी है। वार्षिक परंपरा के तहत, पार्टी 'सेवा पखवाड़ा' शुरू करेगी, जो पूरे देश में कल्याण और जनसंपर्क पहलों का पखवाड़ा होगा, जो पीएम मोदी की सेवा और जनकल्याण के प्रति आजीवन प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
17 सितंबर, 1950 को गुजरात के वडनगर कस्बे में जन्मे नरेंद्र मोदी ने 17 साल की उम्र में सेवा का सफर शुरू किया और बाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से गहराई से प्रभावित पीएम मोदी का जीवन अनुशासन, आध्यात्मिकता और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पण से भरा हुआ है।
वे 1985 में भाजपा में शामिल हुए। 2001 से 2014 तक गुजरात के चार बार लगातार मुख्यमंत्री रहे और 2014 में भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने। वर्तमान में वे अपने तीसरे कार्यकाल में हैं।