क्या बर्जिस देसाई की किताब 'मोदी मिशन' सिर्फ संघर्ष की कहानी है?
सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी के संघर्ष की कहानी को उजागर करती है।
- लेखक बर्जिस देसाई का दृष्टिकोण।
- महत्वपूर्ण मोड़ों का वर्णन।
- सामाजिक और आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में पीएम मोदी के योगदान।
- एक चायवाले से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर।
नई दिल्ली, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लेखक और वकील बर्जिस देसाई की नई किताब 'मोदी मिशन', प्रधानमंत्री की उपलब्धियों की नहीं, बल्कि उनके संघर्ष की कहानी है। यह जानकारी लेखक और व्यवसायी सुहेल सेठ ने शुक्रवार को साझा की।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए सुहेल सेठ ने कहा कि यह किताब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन के बारे में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करती है और उन महत्वपूर्ण मोड़ों का वर्णन करती है, जिन्होंने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने आगे बताया कि इस किताब में पीएम मोदी के बचपन का विवरण भी गहराई से दिया गया है, जिससे पाठक समझ सकते हैं कि युवा अवस्था में प्रधानमंत्री ने किस प्रकार के संघर्ष का सामना किया और किन फैसलों का चयन किया।
सेठ के अनुसार, यह किताब पीएम मोदी की उपलब्धियों पर नहीं, बल्कि उनके संघर्ष और कठिनाइयों पर केंद्रित है, और यह दर्शाती है कि कैसे एक पिछड़े वर्ग का व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री और वैश्विक नेता बना।
इस किताब के विमोचन के अवसर पर हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यह किताब एक अद्भुत कहानी है, जिसमें एक चायवाले से प्रधानमंत्री बनने तक के सफर का वर्णन है। यह हमारे लोकतंत्र की मजबूती और एक असाधारण नेता की शक्ति को दर्शाता है।
किताब के विमोचन पर एनएसई के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना समस्त जीवन जनता की सेवा में समर्पित किया है। यह पुस्तक एक बहुत ही प्रतिष्ठित वकील द्वारा लिखी गई है, जिन्हें हम सभी मुंबईवासी सराहते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री के ११ वर्षों के कार्यकाल पर भी प्रकाश डाला, जहां पीएम मोदी ने २०१४ में देश की बागडोर संभाली थी और आंतरिक सुरक्षा से लेकर सामाजिक विकास तक सभी क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य किया है। उनके विदेशी संबंधों में योगदान भी प्रशंसनीय है। आज हमारे सभी महाद्वीपों पर मित्र राष्ट्र हैं।