क्या प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानी तिरुप्पूर कुमरन और सुब्रमणिया शिवा को याद किया?

सारांश
Key Takeaways
- तिरुप्पूर कुमरन और सुब्रमणिया शिवा के बलिदान को याद करना चाहिए।
- इनकी विरासत हमें राष्ट्रीय एकता की प्रेरणा देती है।
- राष्ट्रवाद की भावना को जागृत करना इनका मुख्य उद्देश्य था।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत माता के दो महान सपूतों तिरुप्पूर कुमरन और सुब्रमणिया शिवा को उनकी पुण्यतिथि पर नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि इन दोनों स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी और राष्ट्रवाद की भावना को जागृत करने में अतुलनीय योगदान दिया।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "इस दिन, हम भारत माता के दो महान सपूतों, तिरुप्पुर कुमारन और सुब्रमण्य शिवा को स्मरण करते हैं और उन्हें नमन करते हैं। दोनों ही महान तमिलनाडु राज्य से थे और उन्होंने भारत की स्वतंत्रता और राष्ट्रवाद की भावना जागृत करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।"
तिरुप्पूर कुमरन के अदम्य साहस को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे भारत के तिरंगे को थामे हुए शहीद हुए, जो उनके अटूट साहस और निःस्वार्थ बलिदान का प्रतीक है। वहीं, सुब्रमणिया शिवा के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके निर्भीक लेखन और ओजस्वी भाषणों ने असंख्य युवाओं में सांस्कृतिक गौरव और देशभक्ति की भावना भर दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में आगे कहा, "इन दोनों महान विभूतियों के प्रयास हमारी सामूहिक स्मृति में अंकित हैं, जो हमें उन असंख्य लोगों के संघर्षों और कष्टों की याद दिलाते हैं जिन्होंने औपनिवेशिक शासन से हमारी स्वतंत्रता सुनिश्चित की। उनका योगदान हम सभी को राष्ट्रीय विकास और एकता के लिए कार्य करने हेतु प्रेरित करता रहे।"
बता दें कि तिरुप्पूर कुमरन और सुब्रमणिया शिवा दोनों तमिलनाडु के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे। दोनों ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष में अपने जीवन की आहुति दी थी।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने स्वतंत्रता सेनानी तिरुपुर कुमरन और सुब्रह्मण्य शिव को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, "तिरुपुर कुमरन ने अंतिम क्षणों तक तिरंगे को थामे रखा। उनकी बलिदानी एकता, सम्मान और साहस की प्रेरणा है।"
वहीं, सुब्रह्मण्य शिव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी गौरवशाली विरासत सदैव अमर रहेगी।