क्या ओडिशा के सीएम मोहन चरण मांझी ने हैदराबाद में 'समानता की प्रतिमा' का दौरा किया?

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क्या ओडिशा के सीएम मोहन चरण मांझी ने हैदराबाद में 'समानता की प्रतिमा' का दौरा किया?

सारांश

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने हैदराबाद में 'समानता की प्रतिमा' का दौरा किया, जहां उन्होंने जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस यात्रा ने आध्यात्मिकता और समाज सुधार की महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया। जानिए इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान क्या हुआ।

Key Takeaways

  • ओडिशा के मुख्यमंत्री ने समानता की प्रतिमा का दौरा किया।
  • जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य को श्रद्धांजलि दी गई।
  • सामाजिक न्याय और समावेशिता पर चर्चा की गई।
  • ओडिशा और रामानुजाचार्य के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत किया गया।
  • यह यात्रा भारत की आध्यात्मिक विरासत के प्रति सम्मान को दर्शाती है।

हैदराबाद, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने शनिवार को हैदराबाद में स्थित प्रतिष्ठित समानता की प्रतिमा का दौरा किया और जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने समानता, करुणा और सामाजिक सद्भाव पर आधारित उन आदरणीय दार्शनिकों, संतों और समाज सुधारकों को श्रद्धांजलि दी, जिनकी शिक्षाएं पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती हैं।

मुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री संपद चंद्र स्वैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने श्री श्री त्रिदंडी चिन्ना श्रीमंत नारायण रामानुज जीयर स्वामीजी से मुलाकात की और भारत की आध्यात्मिक परंपराओं, समावेशी दर्शन और समकालीन समाज में रामानुजाचार्य की शिक्षाओं की प्रासंगिकता पर सार्थक विचार-विमर्श किया।

स्वामीजी ने मुख्यमंत्री को अपना आशीर्वाद दिया और ओडिशा के लोगों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की।

इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने श्री श्री त्रिदंडी अहोबिला रामानुज जीयर स्वामी जी द्वारा रचित श्री रामानुजाचार्य पर ओडिया भजन का विमोचन भी किया।

यह भजन ओडिया भक्तों के लिए श्री रामानुजाचार्य के जीवन, दर्शन और आध्यात्मिक संदेश को सुलभ बनाने का प्रयास करता है, जिससे रामानुजाचार्य दर्शन की भारत की सभ्यतागत विरासत के साथ ओडिशा का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव और मजबूत होता है।

यात्रा के बाद अपने अनुभव साझा करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने कहा कि समानता की प्रतिमा न केवल भारत की आध्यात्मिक विरासत का एक भव्य प्रतीक है, बल्कि श्री रामानुजाचार्य द्वारा प्रतिपादित सामाजिक न्याय, समावेशिता और मानवीय गरिमा के शाश्वत मूल्यों की एक सशक्त स्मृति भी है।

उन्होंने कहा कि ये मूल्य संतुलित विकास, सामाजिक सद्भाव और जन-केंद्रित शासन के लिए ओडिशा के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते रहते हैं। इस यात्रा ने भारत की आध्यात्मिक विरासत के प्रति ओडिशा के गहरे सम्मान और श्री रामानुजाचार्य की चिरस्थायी शिक्षाओं से प्रेरित सार्वजनिक जीवन में समानता, ज्ञान और सद्भाव के आदर्शों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

Point of View

बल्कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को भी उजागर करता है। यह यात्रा समाज में समानता और न्याय के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

समानता की प्रतिमा क्या है?
समानता की प्रतिमा एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रतीक है जो भारत की आध्यात्मिक विरासत को दर्शाती है।
मोहन चरण मांझी का दौरा किस उद्देश्य से था?
उनका दौरा सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए था।
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