क्या राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने अक्षरधाम में भगवान स्वामीनारायण के दर्शन किए?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-मंगोलिया संबंधों को मजबूती मिली।
- राष्ट्रपति ने भगवान स्वामीनारायण के दर्शन किए।
- मंदिर में शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की गई।
- महंतस्वामी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
- यह यात्रा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक बंधनों को दर्शाती है।
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना ने अपनी भारत यात्रा के दौरान बुधवार को नई दिल्ली में स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम का दर्शन किया। इस यात्रा में उनके साथ मंगोलिया की विदेश मंत्री बत्त्सेत्सेग बटमुंख, राजदूत गनबोल्ड दंबजाव, और अन्य मंगोलियाई प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे।
बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की ओर से धर्मवत्सलदास स्वामी ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया। मंदिर में दर्शन के दौरान राष्ट्रपति खुरेलसुख ने भगवान स्वामीनारायण के दर्शन किए और भगवान नीलकंठवर्णी की मूर्ति का अभिषेक किया, साथ ही दोनों देशों के लोगों के कल्याण, शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की।
राष्ट्रपति खुरेलसुख को महंतस्वामी महाराज का आशीर्वाद और शुभकामनाओं का एक पत्र भी दिया गया। पत्र में स्वामीश्री ने राष्ट्रपति की भारत यात्रा की सराहना करते हुए मंगोलिया की जनता में शांति, करुणा और एकता के वातावरण बनाने के लिए उनके नेतृत्व की प्रशंसा की। इसके साथ ही, उन्होंने उनके उत्तम स्वास्थ्य और सफलता की कामना की और भारत तथा मंगोलिया के बीच आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित एक गहरी साझेदारी की प्रार्थना की।
राष्ट्रपति खुरेलसुख ने भारत-मंगोलिया संबंधों की प्राचीनता का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत के लोगों का स्नेह, जो गंगा नदी की शांति और प्रवाह जितना निर्मल है, और मंगोलिया के लोगों के विशाल हृदय, जो मंगोलियाई मैदानों जितने असीम हैं, इन दोनों के बीच का संबंध हूण साम्राज्य जितना पुराना है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं इस अद्भुत मंदिर के दर्शन करके बहुत प्रसन्न हूं, जो भारतीय संस्कृति, धर्म, जीवनशैली और परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह वास्तव में भारतीय जनों की गहरी आध्यात्मिकता का प्रतीक है।”
राष्ट्रपति खुरेलसुख ने अक्षरधाम में अपने स्वागत और शांति के अनुभव के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने महंतस्वामी महाराज के स्नेहपूर्ण पत्र और प्रार्थनाओं की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आध्यात्मिक संबंध भारत-मंगोलिया के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक बंधनों को और मजबूत बनाते हैं।
यह यात्रा भारत और मंगोलिया की साझा आस्था और संस्कृति की विरासत को फिर से उजागर करती है, जो इन दोनों देशों को आध्यात्मिकता और सार्वभौमिक मूल्यों के आदर की सूत्र में जोड़ती है। स्वामीनारायण अक्षरधाम, जो भारत की राजधानी का एक प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, भक्ति, सेवा और एकता के उन मूल्य का प्रतीक है, जो विश्वभर में लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं।